चिकित्सक से की 30 हजार की ठगी

जिले में साइबर फ्रॉड गिरोह के बदमाशों द्वारा लगातार ठगी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. अंतर जिला गिरोह के बदमाशों द्वारा जिले में घटित अलग-अलग घटनाओं में एक चिकित्सक से 30 हजार रुपये की ठगी के आलावे बैंक खाता से एटीएम बदल कर 74,535 रुपए की अवैध निकासी कर ली गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 5, 2024 9:45 PM

शेखपुरा. जिले में साइबर फ्रॉड गिरोह के बदमाशों द्वारा लगातार ठगी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. अंतर जिला गिरोह के बदमाशों द्वारा जिले में घटित अलग-अलग घटनाओं में एक चिकित्सक से 30 हजार रुपये की ठगी के आलावे बैंक खाता से एटीएम बदल कर 74,535 रुपए की अवैध निकासी कर ली गयी. जिले के कसार थाना क्षेत्र के गंगापुर गांव निवासी सरयुग प्रसाद के बैंक खाते से साइबर ठग गिरोह के बदमाशों ने उनका एटीएम बदलकर 25 मई से रूपये निकालना शुरू किया और 4 दिनों के अंतराल सभी रूपयों की निकासी कर लिया. पीड़ित का एटीएम बदमाशों ने शहर के वीआईपी रोड स्थित एक एटीएम घर में रूपयों की निकासी के दौरान की गई थी. इस बाबत साइबर थाना के एसआई अनित कुमार यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दी है. इसी तरह कृषि विभाग के बरबीघा शहर के एक कर्मचारी तथा एक चिकित्सक को अपना शिकार बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है. मिली जानकारी में बताया गया कि बरबीघा थाना क्षेत्र के बवनबीघा गांव निवासी और कृषि सलाहकार कांति भूषण कुमार का मोबाइल साइबर अपराधियों ने हैक कर लिया. यह हैकिंग तब हुआ जब प्ले स्टोर से एक आयुष्मान ऐप को लोड किया गया. यह फर्जी ऐप था. फिर उनके मोबाइल से व्हाट्सएप मैसेज कई ग्रुप और मोबाइल में भेज दिया गया. उस मैसेज में साइबर अपराधियों के द्वारा वायरस भेजा गया. यह छतीगढ़ सरकार के नाम से मैसेज भेजा गया. जिस पर क्लिक करने के बाद क्लिक करने का मैसेज भेजकर साइबर अपराधियों के द्वारा पैसे निकालने की कोशिश भी की गई. ओटीपी भी उनके मोबाइल पर आया. संजोग से पैसे निकालने में साइबर अपराधी कामयाब नहीं हुआ. वहीं, बरबीघा के हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दीपक कुमार के साथ घटित हुआ. डॉ दीपक ने बताया कि सुबह में अचानक उनका मोबाइल हैक हो गया. उनके मोबाइल पर एक ओटीपी भी आया. ओटीपी किसी को नहीं बताया फिर भी उनके खाता से 30,000 रुपए गायब हो गया. इस संबंध में पीड़ित द्वारा हेल्पलाइन नबर 1930 पर दर्ज करवा कर गुहार लगाई गई.

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