शेखपुरा
. बगैर जमाबंदी के जमीन की रजिस्ट्री पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए रोक पर सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद यहां जिला रजिस्ट्री कचहरी में उत्साह देखा जा रहा है. भूमि रजिस्ट्री के काम में आये ठहराव में तेजी आने की संभावना बन गई है. अब लोग बिना अपने नाम के जमाबंदी के बिना भी फिर से अपनी पुस्तैनी भूमि का हस्तांतरण कर सकेंगे. इसे लेकर बड़ी संख्या में कातिब और स्टांप वेंडरों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए जमकर जश्न मनाया. इन लोगों ने आपस में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर हर्ष का इजहार किया. गौरतलब है कि इस साल 9 फरवरी को जमीन विवाद कम करने और फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगाने को लेकर जमाबंदी की अनिवार्यता संबंधी आदेश जारी किया गया था. पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिले में भूमि निबंधन का काम लगभग रुक सा गया था. प्रतिदिन 60 से 70 जमीन की रजिस्ट्री के बदले यह संख्या गिरकर 10 तक आ गई थी. जिसके कारण सरकार के राजस्व में हो रही भारी नुकसान के साथ-साथ जमीन रजिस्ट्री में लगे केवाला लिखने वाले कातिब और स्टांप बेचने वाले वेंडरों के आय में भी भारी गिरावट आ गई थी. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला निबंधन कार्यालय में कार्यरत स्टांप वेंडर मनोज कुमार ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से संबंधित आदेश आने में अभी कम से कम एक सप्ताह का समय लगने की संभावना है. लेकिन इस बीच इस आदेश को लेकर कातिब संघ के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह, सचिव ब्रह्मदेव कुशवाहा, सज्जन सिंह, मुन्ना महतो, वरुण सिंह, रामचंद्र प्रसाद, अनिल प्रसाद के साथ-साथ वेंडर संघ के अध्यक्ष श्रीनिवास प्रसाद सिंह, सचिव अनिरुद्ध प्रसाद सिंह आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को स्वागत योग्य बताया है. दोनों संघ के लोगों ने इस निर्णय पर हर्ष व्यक्त करते हुए जमकर जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के जमाबंदी की अनिवार्यता संबंधी आदेश पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई की तिथि सितंबर माह में निर्धारित किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है