खेतों में खुलेआम किसान जला रहे पुआल
जिला प्रशासन और कृषि विभाग के तमाम जागरूकता और चेतावनी के बावजूद भी शेखपुरा जिले के कई जगह से लगातार खेतों में पराली जलाने की खबरें सामने आती रहती है.
बरबीघा. जिला प्रशासन और कृषि विभाग के तमाम जागरूकता और चेतावनी के बावजूद भी शेखपुरा जिले के कई जगह से लगातार खेतों में पराली जलाने की खबरें सामने आती रहती है.गुरुवार को बरबीघा प्रखंड के पाक गांव के खन्धे में भी इसकी वानगी देखने को मिली. जहां कई एकड़ खेतों में फैले पराली को किसान खुलेआम जला रहे थे.यह अलग बात है कि कृषि विभाग ने पराली जलाने की बढ़ती समस्या को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. अब ऐसे किसान जो अपने खेतों में पराली जलाते है, उन्हें किसान सम्मान निधि से वंचित किया जाएगा.यह निर्णय न केवल किसानों के लिए एक चेतावनी बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.हर साल फसल कटाई के बाद किसान अपने खेतों में बचे हुए फसल अवशेषों को जलाते हैं.इससे प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं. जिससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आती है.इन सभी बिंदुओं को देखते हुए प्रत्येक साल जिला प्रशासन समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को खेत में पराली ना जलाने की चेतावनी जारी करती है. लेकिन कुछ किसान इसका अनुपालन नहीं करते और खेतों में खुलेआम पराली जलाते है.मामले को लेकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि अब तक अलग-अलग गांव से खेतों में पराली जलाने वाले पांच किसानों को चिह्नित किया जा चुका है. जिनका रिपोर्ट तैयार कर जिला भेजा जा रहा है. ऐसे सभी किसानो का पंजीकरण रद्द करके उन्हें भविष्य में मिलने वाले सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाएगा.वही पाक गाँव में पराली जलाने की बात पर उन्होंने कहा कि इसकी तुरंत जांच करवाई जाएगी.हालांकि उन्होंने कहा कि किसान इस भ्रम में ना रहे कि पराली जलाने के बाद वे बच जाएंगे.सेटेलाइट के माध्यम से जिले भर के किसानों के ऊपर नजर रखी जा रही है.कहीं भी किसान अगर खेतों में पराली जलते हैं तो तुरंत उन्हें सेटेलाइट के माध्यम से चिन्हित करके कार्रवाई की जाती है.उन्होंने बताया कि कई सालों से किसानों को पराली प्रबंधन पर जागरूक किया जा रहा है. साथ ही साथ इसको लेकर कृषि कर्मियों के द्वारा क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है.बावजूद इसके किसान खेतों में पराली जला रहे हैं. इससे खेतों की मृदा को काफी नुकसान पहुंच रहा है.इसका असर फसल के उत्पादकता पर भी पड़ रही है.यह नहीं क्षेत्र में वायु प्रदूषण भी उच्च स्तर पर होता है. उन्होंने किसानों से पुनः खेतों में पराली नहीं जलाने की आग्रह भी किया.
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