प्याज बीज में बंगाल के कारोबारियों से ठगे गये किसान

देशभर में मशहूर शेखपुरा का गुलाबी प्याज एक बार फिर अपना जलवा दिखा सकता है. इसकी तैयारी में जिले के किसान जोशो-खरोश के साथ इस वर्ष प्याज रोपनी में जुटे दिख रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 8:32 PM

शेखपुरा. देशभर में मशहूर शेखपुरा का गुलाबी प्याज एक बार फिर अपना जलवा दिखा सकता है. इसकी तैयारी में जिले के किसान जोशो-खरोश के साथ इस वर्ष प्याज रोपनी में जुटे दिख रहे हैं. पिछले एक दशक के बाद जिले के किसान प्याज उत्पादन को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं. किसानों से मिले आंकड़े के मुताबिक इस वर्ष शेखपुरा में प्याज उत्पादन का आंकड़ा सामान्य से डेढ़ गुना अधिक हो सकता है. हालांकि, प्याज उत्पादक किसानों को इस वर्ष भी काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा. प्याज उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर बीज की खरीदारी के लिए पश्चिम बंगाल के कारोबारी का सहारा लेना पड़ा. इस व्यवस्था में किसान एक बार फिर ठगी के शिकार भी हो गये.किसान जिस लक्ष्य के साथ जिले में प्याज रोपने की में जुटे है,उसमें बाधाएं भी उत्पन्न हो रही है. उंची कीमत पर खरीदे गये बीज का बिचड़ा खराब हो जाने के कारण जहां किसानों का खेत परती रहने के आसार भी दिख रहे है. वहीं किसानों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा . किसानों में प्याज उत्पादन को लेकर उत्साह

प्याज कारोबार से जुड़े किसान शेखपुरा शहर के खांडपर निवासी उमेश महतो ने बताया कि वर्ष 2024 में प्याज की थोक बिक्री बाजारों में 55 रूपये किलो तक जा पहुंची. किसानों में इस वर्ष अधिक प्याज उत्पादन करने की लालसा का मुख्य कारण यही माना जा रहा है. जिले नगर परिषद शेखपुरा अंतर्गत आने वाले एकसारी गांव के अलावे एवं हाल के दिनों में प्याज का हब बन रहा घाटकुसुंभा का टाल क्षेत्र में प्याज लगाने में किसान पूरी ताकत झोंक रखे हैं.

.प्याज बीज की खरीदारी में ठगे जा रहे हैं किसान

प्याज उत्पादक किसान एक बार फिर पश्चिम बंगाल के कारोबारियों के हांथ से ठगे जा चुके हैं. इस बाबत एकसारी गांव के किसान शशि भूषण महतो ने बताया कि बड़े पैमाने पर किसान पश्चिम बंगाल के कोलकाता से प्याज बीज की खरीदारी कर लाए थे. लेकिन, खराब बिचड़े रहने के कारण बीज में अंकुर नहीं आ सका. ऐसी स्थिति में किसान जिस लक्ष्य के साथ प्याज की खेती करना चाह रहे है. उसके लिए उन्हें प्याज का बीचडा नहीं मिल सकी. जैसे तैसे किसान प्याज की खेती में इजाफा का लक्ष्य पूरा करने में जुटे हैं.

जिले में दो हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होता है प्याज की खेती

उद्यान अधिकारीयों के मुताबिक जिले में दो हजार दस हेक्टेयर में 28 हजार 459 मीट्रिक टन प्याज उत्पादन का उत्पादन का लक्ष्य है. प्याज की खेती के लिये किसानों को सब्सिडी पर प्याज का बीज उपलब्ध कराया जाता है. प्याज बीज के लिये किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जाता है. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 256.25 एकड़ के लिये किसानो को योजना का लाभ दिया जाता है. उद्यान के तरफ से 80 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्याज बीज वितरण का लक्ष्य है.

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