बिहारशरीफ : आम की अच्छी पैदावार करने के लिए फलों के बगीचे को किसान कीट प्रबंधन अवश्य करें. कीट प्रबंधन से आम के टिकोले विभिन्न दो व्याधियों से पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे. जब टिकोला रोग रहित रहेगा, तो निश्चित रूप से आम की फसल अच्छी होगी. आम की मिठास को बनाये रखने के लिए कीट प्रबंधन कारगर साबित होगा. इसके लिए किसान अभी से ही सजगता दिखाएं, क्योंकि बगीचों में लगे आम के पेड़ों में टिकोले लग चुके हैं. इसलिए आम की मिठास बरकरार रहे, इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के वैज्ञानिकों और अधिकारियों की सलाह के अनुसार विभिन्न रोगों से बचाव के लिए कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं.मटर के दाने के बराबर हुए टिकोलेबगीचों में आम के टिकोले मटर के दाने के समान हो गये हैं. इसलिए कीट व्याधि से बचाव के लिए उसका प्रबंधन करना जरूरी हो गया है.
जिला पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार ने बताया कि किसान आम की अच्छी फसल लेने के लिए कीट प्रबंधन में जुट जाएं. उन्होंने कहा कि आम को टिकोले को व्याधियों से बचाव के लिए विभिन्न तरह के कीटनाशक दवाओं का घोल तैयार कर उसका छिड़काव कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि एमीडाकलोपिड 17.8% एसएल एक मिली प्रति लीटर पानी में तथा प्लानो फिक्स हार्मोन चार मिली 10 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आवश्यक है. उन्होंने बताया कि रेड बेंडेड कैटरपिलर जो अभी प्यूपा अवस्था में है उसके नियंत्रण के लिए प्रो फिनो फॉस का दो मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर आम के पेड़ के मुख्य तना पर छिड़काव करें. बगीचे के सिंचाई भी आवश्यकटिकोले मटर के दाने के बराबर हो गये हैं. इसलिए बगीचे की कम से कम अभी एक सिंचाई जरूर करें. 15 दिनों पर हल्की सिंचाई की जानी चाहिए. इससे फसल की पैदावार ठीक-ठाक होगी. उन्होंने बताया कि आम की खेती में अन्य फसलों की अपेक्षा लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है. बेहतर फसल के लिए सिर्फ बगीचों को कीट प्रबंधन करना जरूरी होता है. इसलिए किसान इसके एक्सपर्ट की सलाह पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहें.