बाप बेटे को पुलिस ने उठाया, ग्रामीणों ने थाना को घेरा
बेन थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव में गुरूवार की दोपहर मछली मार रहे बाप बेटे को बेन थाना पुलिस द्वारा उठाकर थाने लाने के बाद आक्रोशित करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया और हिरासत में लिये गये बाप बेटे को निर्दोष बताते हुए रिहा करने की मांग की
धान फसल की पटवन के लिये खोला पोखर का मुंह
पोखर में मछली मारने पर पुलिस ने ग्रामीणों को खदेड़ाफोटो : बेन थाना का घेराव करते आक्रोशित ग्रामीण.
बिहारशरीफ. बेन थाना क्षेत्र के मखदुमपुर गांव में गुरूवार की दोपहर मछली मार रहे बाप बेटे को बेन थाना पुलिस द्वारा उठाकर थाने लाने के बाद आक्रोशित करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया और हिरासत में लिये गये बाप बेटे को निर्दोष बताते हुए रिहा करने की मांग की जिसके बाद पुलिस ने आवश्यक प्रक्रिया को पूरा कर दोनों को छोड़ दिया. घेराव कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि मखदुमपुर गांव में दो पोखर है जिसका उपयोग धान की पटवन के अलावे मछली पालन में किया जाता है. हमलोग पिछले बीस वर्षों से इस पोखर का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन गुरूवार को जब गांव के आनंदी रविदास एवं उनके पुत्र रवि कुमार एक पोखर में मछली मार रहे थे तो गांव के कुछ दबंग लोगों के मेलजोल में आकर बेन थाना पुलिस द्वारा दोनों को उठाकर थाना लाया गया था. सूख रहे धान फसल की पटवन के लिये हमलोगों ने जब दूसरे पोखर का मुंह खोल दिया तो गांव के कुछ दबंग हमलोगों को अंजाम भुगत लेने की धमकी देने लगे.
मछली मारने पर पुलिस ने ग्रामीणों को खदेड़ा :
ग्रामीणों ने बताया कि थाने का घेराव कर एवं हिरासत में लिये गये दो लोगों को छुड़ाकर जब हमलोग गांव पहुंचे और दोबरा मछली मारने लगे तो दोबारा मखदुमपुर गांव पहुंची बेन थाना पुलिस ने हमलोगों को खदेड़ दिया. इस दौरान पुलिस द्वारा दो तीन महिलाओं से अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज किया गया. खदेड़े जाने के दौरान कुछ ग्रामीणों को चोट भी लगी है.
पहली बार पोखर की गयी है बंदोबस्ती :
बेन थानाध्यक्ष राजू रंजन कुमार ने बताया कि जिला मत्स्य विभाग द्वारा पहली बार मखदुमपुर गांव के पोखर की बंदोबस्ती की गयी है. बंदोबस्ती हीरा केवट के नाम से है. लेकिन इस बंदोबस्ती से ग्रामीण अनजान थे. आक्रोशित ग्रामीणों को मत्स्य विभाग द्वारा जारी बंदोबस्ती लेटर दिखाकर और समझा बुझाकर शांत करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि गांव में पुलिस द्वारा ग्रामीणों को खदेड़े जाने की बात बेबुनियाद एवं निराधार है. लोगों से कहा गया है कि वह पोखर का उपयोग मछली मारने में नहीं करें अन्यथा दोबारा ऐसी गलती करने पर दोषी ग्रामीणों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
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