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सत्र 2016-17 में हुए चावल घोटाले की फाइल फिर खुलने की उम्मीद

जिले में सत्र 2016-17 में हुए लगभग 24033 क्विंटल चावल घोटाले की फाइल एक बार फिर खुलने की उम्मीद बढ़ गई है.

बिहारशरीफ. जिले में सत्र 2016-17 में हुए लगभग 24033 क्विंटल चावल घोटाले की फाइल एक बार फिर खुलने की उम्मीद बढ़ गई है. इससे घोटाले से जुड़े हुए सभी पैक्स अध्यक्षों की आंखों की नींद उड़ गई है. जिले के एक आवेदक सुधीर कुमार के द्वारा मुख्यमंत्री जनता दरबार में इस मामले को साक्ष्य के साथ प्रस्तुत कर कार्रवाई करने की मांग की गई है.आवेदक की मांग पर मुख्यमंत्री सचिवालय से मामला सहयोग समितियां बिहार के उप सचिव को तथा वहां से मामला जिला सहकारिता पदाधिकारी नालंदा तक पहुंच गया है. एक बार फिर से इस मामले में जिला सहकारिता पदाधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त हुआ है. विदित हो कि खरीफ विपणन मौसम 2016-17 में धान अधिप्राप्ति के समतुल्य सीएमआर जमा कराने में जिले के लगभग 25 पैक्स अध्यक्षों के द्वारा बिना चावल जमा कराये गोदाम से चावल जमा कराने की रसीद प्राप्त कर ली गई थी. उन दिनो गोदामों में कम चावल पाए जाने के बाद तात्कालिक जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के द्वारा सभी दोषी पैक्स अध्यक्षों पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था. लंबी जांच के बाद विभाग के द्वारा घोटाले में शामिल सभी 25 पैक्स अध्यक्षो पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस आदेश से जिले के सभी पैक्स अध्यक्षों में हड़कंप मच गया था. इस चावल घोटाले के सात वर्ष बीत जाने के बावजूद जिले की पुलिस के द्वारा एक भी पैक्स अध्यक्ष को गिरफ्तार नहीं किया गया.हालांकि इस पुराने चावल घोटाले को अब तक जिले वासी भूल ही चुके होते कि एक आवेदक सुधीर कुमार के द्वारा इस मामले को फिर से जीवित कर दिया गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से कई पैक्स अध्यक्षों द्वारा जमानत भी कराई गई है और कई पैक्स अध्यक्ष जमानत कराने के चक्कर में दौड़ रहे हैं. जांच में 24033 क्विंटल चावल कम पाया गया था

यह मामला 2017 में तब सामने आया था जब तात्कालिक जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम के द्वारा जिले के विभिन्न गोदामो का भौतिक निरीक्षण कराया गया था. उन्हीं दिनों गोदामों में 24034 क्विंटल चावल का विभागीय अधिकारियो, पैक्स अध्यक्षो तथा मिलरो की मिली भगत से गबन का मामला सामने आया था. तात्कालिक जिला पदाधिकारी के द्वारा मामले की जांच कर तत्काल संबंधित पैक्स अध्यक्षों पर प्राथमिकी दर्ज कराने तथा गिरफ्तारी करने का निर्देश दिया गया था. मामले की जांच पूरी होने के बाद जिले के 25 पैक्स अध्यक्षों पर चावल गबन का आरोप तय हो गया था. तात्कालिक राज्य खाद्य निगम के प्रबंधक रामबाबू के द्वारा तात्कालिक राज्य भंडार निगम के अधीक्षक रंजीत कुमार, राज्य भंडार निगम के कार्यपालक सहायक अभय कुमार तथा मिलर दिनेश कुमार के साथ साथ अज्ञात पैक्स अध्यक्षों पर लहेरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. लहेरी थाना के तात्कालिक पुलिस अवर निरीक्षक पंकज कुमार सिंह के द्वारा इस मामले का अनुसंधान भी किया गया था. अनुसंधान के क्रम में 25 पैक्स अध्यक्षों का भी नाम सामने आया था.

बाइक तथा यात्री वाहन से पहुंचाए गए थे चावल:-

मामले की जांच जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा की गई थी. जांच में यह सामने आया था की पैक्स अध्यक्षों द्वारा चावल जमा कराने मे जिन वाहनों की रसीद जमा की गई है, उनमें से अधिकांश रसीद फर्जी है. रसीद में मालवाहक वाहनों के दिए गए नंबर बाइक और यात्री वाहनों के नंबर थे. ऐसे में यह मानना संभव नहीं था की पैक्स अध्यक्षो ने बाइक पर लादकर चावल को गोदामों तक पहुंचा दिया. जांच के अन्य बिंदुओं पर भी जिले के मिलर तथा पैक्स अध्यक्षों पर ही गड़बड़ी करने का आरोप पुष्ट हुआ था. हालांकि इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा बरती जा रही निष्क्रियता की सर्वत्र निंदा हुई थी. इसके बावजूद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.

जिले के निम्नलिखित पैक्स हैं आरोपित:-

पंचायत पैक्स———– अध्यक्ष

अजय पुर——— निर्मला देवी

बडारा——— अरुण कुमार

पपरनौसा—-हरेंद्र प्रसाद सिंह

इमामगंज——- पिंकू यादव

पतासंग——– रामजी प्रसाद

मई फरीदा——— शशिराज कुमार

डुमरावां —————अशोक कुमार

राणा बिगहा—–रणवीर कुमार सिन्हा

पावा—— कामेश्वर प्रसाद शर्मा

परोहा——अनिल प्रसाद

मुरौरा——- सतीश कुमार

चौरिया——— रंजन कुमार

पचौड़ा——– रंजीत प्रसाद

लोहरा—— विजयकृष्ण सिंह

गोनावां —— अमरेश उपाध्याय

चेरन——– राम प्रसाद सिंह

करियना——– बलिराम सिंह

बराकर—— श्रवण सिंह

घोस्तावा ——- श्याम किशोर शर्मा

कतरी——– उदय कुमार सिंह

दरवेशपुरा——- शशिकांत सिंह

कचहरिया—– उदय कुमार सिंह

मालती———- भोला प्रसाद

नाहुब———- श्याम देव प्रसाद

बिंद————- विपिन कुमार

क्या कहते हैं अधिकारी:-

“विभागीय निर्देश के अनुसार मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. “

-धर्मनाथ प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नालंदा

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