बिहारशरीफ. हाल ही में न्यूयार्क में लगी प्रदर्शनी में बिहार डेयरी के उत्पाद का अमेरिकी मुरीद हो गये. लोगों ने वहां के बाजारों में सुधा उत्पाद उतारने का आग्रह किया. इससे उत्साहित बिहार राज्य दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड (कॉम्फेड) ने फिलहाल अपने पांच उत्पादों को निर्यात करने का मन बनाया है. इसके लिए फिलहाल अत्याधुनिक मशीनों से लैस नालंदा के साथ ही बरौनी व सीतामढ़ी डेयरियों का चयन किया गया है. यहां के पांच उत्पादों घी, गुलाबजामुन, सोनपापड़ी, लस्सी व छांछ को निर्यात करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. नालंदा डेयरी ने निर्यात प्रमाणन के लिए एक्सपोर्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (इसीआइ) को आवेदन दिया है. इसीआइ के शर्तों के अनुरूप उत्पादों के निर्माण की बारीकी जांच के लिए शीघ्र ही टीम बिहारशरीफ आने वाली है. सूबे की अन्य डेयरियों को भी निर्यात की शर्तों पर खरा उतरने की तैयारी में जुटने का आदेश दे दिया गया है. इसके लिए कॉम्फेड स्तर से भी निगरानी रखी जा रही है. आयात-निर्यात प्रमाणपत्र, पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र, जीएसटी पंजीकरण, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का लाइसेंस होना अति आवश्यक है. इन प्रमाणपत्रों के लिए तीनों डेयरियों को जल्दबाजी करने को कहा गया है. नालंदा डयरी के महाप्रबंधक मो. मजिउद्दीन ने बताया कि टेट्रा पैक में लस्सी, छांछ व घी के निर्यात के लिए अनुमति मांगी गयी है. दूध उत्पादन में बिहार नौवें स्थान पर है. टॉप टेन दूध उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार, कर्नाटक के नाम शुमार हैं. बिहार में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 400 ग्राम रोजाना है. ये राष्ट्रीय औसत से मात्र 44 ग्राम कम है. प्रबंध निदेशक, कॉम्फेड रमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि बिहार के दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए कॉम्फेड कई नई योजनाओं पर काम कर रही है. इसी कड़ी में यहां के डेयरी उत्पादों के निर्यात की तैयारी शुरू की गयी है. उम्मीद है कि मल्टीनेशनल क्वालिटी कंट्रोल की जांच में सुधा के उत्पाद पूरी तरह खरे उतरेंगे.
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