Airport Construction : हवाई अड्डा निर्माण के लिए मेयार- बढ़ौना, लोदीपुर और नालंदा में किया गया स्थल चयन

Airport Construction : फिलहाल राजगीर प्रखंड के मेयार- बढ़ौना, लोदीपुर और सिलाव प्रखण्ड के नालंदा में हवाई अड्डा निर्माण के लिए स्थल का चयन किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2024 4:43 AM
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Airport Construction : राजगीर.

फिलहाल राजगीर प्रखंड के मेयार- बढ़ौना, लोदीपुर और सिलाव प्रखण्ड के नालंदा में हवाई अड्डा निर्माण के लिए स्थल का चयन किया गया है. इन तीन जगहों में किसी एक जगह का चयन राज्य और देश के जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा किया जायेगा. डीएम शशांक शुभंकर द्वारा हवाई अड्डा निर्माण को लेकर राजगीर प्रखण्ड के मेयार, बरनौसा, अंडवस, एकसारी, लोदीपुर और सिलाव प्रखण्ड के नालंदा रेलवे स्टेशन के समीप निरीक्षण किया गया है. डीएम के निर्देश पर मेयार- बढ़ौना, लोदीपुर और नालंदा के स्थल को उपयुक्त समझा गया है. राजगीर और सिलाव अंचल द्वारा हवाई अड्डा के लिए चयनित स्थल की पैमाईश कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी गयी है. जिला प्रशासन द्वारा इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेजा जायेगा. राज्य सरकार के संबंधित पदाधिकारियों के स्थल निरीक्षण के बाद ही फाइनल होगा कि हवाई अड्डा राजगीर के मेयार-बढ़ौना, लोदीपुर या सिलाव के नालंदा रेलवे स्टेशन के समीप बनेगा. कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद नालंदा जिला प्रशासन स्थल चयन करने के लिए सक्रिय है. जिला प्रशासन के स्थल चयन की कवायद से आमलोगों में खुशी है. वहीं बढ़ौना और लोदीपुर के किसानों में मायूसी है. वहां के किसान और जनप्रतिनिधि अपने गांव में हवाई अड्डा निर्माण का खुलकर विरोध करने लगे हैं.

Airport Construction : DM के आदेश पर जगहों का किया गया चयन.

सूत्रों के अनुसार 1990 के दशक में राजगीर के महादेवपुर में हेलीपैड का निर्माण तत्कालीन डीएम एन के सिन्हा द्वारा आरंभ कराया गया था. उनके स्थानांतरण बाद यह योजना गुमनाम हो गया. कैबिनेट से राजगीर में हवाई अड्डा निर्माण की मुहर लगने के बाद जिला प्रशासन द्वारा महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के समीप पहले से चिन्हित स्थल की नाप जोख करायी गयी. लेकिन जरूरत से कम लम्बाई होने के कारण यह स्थल रिजेक्ट कर दिया गया. डीएम के निर्देश पर पांच जगहों में से तीन मेयार- बढ़ौना, लोदीपुर और नालंदा का स्थल चयन किया गया है. सीओ अनुज कुमार ने बताया कि हवाई अड्डा निर्माण के लिए 11 हजार फीट लम्बाई वाले जमीन की आवश्यकता है. लेकिन महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के समीप के जमीन की लम्बाई मात्र 7,500 फिट है, जो हवाई अड्डा के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने बताया कि प्रखंड के मेयार, बढ़ौना मौजा और लोदीपुर मौज में स्थल का चयन डीएम द्वारा किया गया है. इसके अलावा सिलाव के नालंदा रेलवे स्टेशन के पास भी स्थल चयन किया गया है.

Airport Construction : मुआवजा विवाद के चलते नहीं बन पा रही बात.

सूत्रों के अनुसार मेयार- बढ़ौना और लोदीपुर मौजा में 550 एकड़ जमीन का चयन किया गया है. यह प्रश्नगत भूमि 3.33 किलोमीटर लंबा और 709 मीटर चौड़ा है. हवाई अड्डा के अनुकूल इसकी लंबाई 11000 फीट एवं चौड़ाई 2000 फीट है. ज्ञात हो कि नालंदा रेलवे स्टेशन के पूरव इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्थल का चयन एसडीओ लाल ज्योति नाथ शाहदेव के कार्यकाल में किया गया था. उसकी पैमाईश भी करायी गयी थी, लेकिन मुआवजा विवाद के कारण बात नहीं बन सकी थी. उस प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थल का निरीक्षण नगर विमानन मंत्रालय के सक्षम पदाधिकारियों, एरोड्रम अथॉरिटी और वायुसेना के पदाधिकारियों द्वारा भी किया गया था. पदाधिकारियों द्वारा उसे अनुकूल बताया गया था. लेकिन मुआवजा विवाद में यह महत्वाकांक्षी योजना गतलखाते में चला गया.

Airport Construction : मोरा के किसानों ने दिया आत्मदाह की चेतावनी

मोरा गांव के किसानों ने एसडीओ के नाम संबोधित जन हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा कि मोरा गांव के खेतों के पटवन का एक मात्र साधन चैती पईन है. चैती पइन और आसपास की जमीन को सरकार द्वारा हवाई अड्डा निर्माण के लिए चयन किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि मोरा के किसानों ने पहले ही स्वेच्छा से बेशकीमती जमीन बिहार पुलिस अकादमी के लिए 133 एकड़ दे दी है. बची हुई जमीन किसानों की जीविका का सहारा है. यदि हवाई अड्डा निर्माण के लिए मोरा की जमीन ली जाती है तो किसान भीखा मांगने के कगार पर पहुंच जायेंगे. मोरा के किसानों ने चेतावनी दिया है कि यदि हवाई अड्डा के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया तो वे लोग आत्मदाह करेंगे. ज्ञापन पर शशि भूषण कुमार वर्मा, किशोरी प्रसाद, संजय कुमार सहित 34 लोगों द्वारा हस्ताक्षर किया गया है.

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