लॉकडाउन से गरीबों को कमाने- खाने के पड़े लाले
बिहारशरीफ : जिले के गांव से लेकर शहर तक में लॉकडान से सबसे अधिक परेशानी डेली कमाने- खाने वाले झेल रहे हैं. जिले में श्रम विभाग में करीब 40 हजार निबंधित मजदूर है जो निर्माण सेक्टर में काम करते हैं. इसके अतिरिक्त ठेला चालक, रिक्शाचालक, टेंपोचालक व खेती के क्षेत्र में काम करनेवाले करीब एक […]
बिहारशरीफ : जिले के गांव से लेकर शहर तक में लॉकडान से सबसे अधिक परेशानी डेली कमाने- खाने वाले झेल रहे हैं. जिले में श्रम विभाग में करीब 40 हजार निबंधित मजदूर है जो निर्माण सेक्टर में काम करते हैं. इसके अतिरिक्त ठेला चालक, रिक्शाचालक, टेंपोचालक व खेती के क्षेत्र में काम करनेवाले करीब एक से दो लाख लोग अपने-अपने परिवार को पेट भरते हैं. बिहारशरीफ में जमुई, शेखपुरा, नवादा समेत अन्य जिले के गरीब उक्त पेशे से जुड़ कर अपने परिवार का भरण- पोषण कर रहे थे, जो लॉकडाउन से उनके जीवनयापन प्रभावित हो रहा है. हालांकि राशन कार्डधारियों को सरकारी स्तर से राशन मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन इसके अतिरिक्त अन्य जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है.
सरकारी स्तर पर गरीबों दिया जा रहा है लाभ :राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आच्छादित परिवारों को एक-एक हजार रुपये दिया जा रहा है. वहीं बिहार से बाहर फंसे बिहार के मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना का लाभ दिया जा रहा है. वर्तमान में आठ अप्रैल तक जिले के 1686 लोगों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता के तहत एक-एक हजार रुपये उनके बैंक खाता के माध्यम से दिया गया है. वहीं मजदूरों को प्रति वर्ष पांच हजार रुपये उनके बैंक खाते के माध्यम से दिया जाता है. तीन हजार रुपये चिकित्सा और 2500 रुपये पोशाक के लिए दिया जाता है. चालू वित्त वर्ष में जिले के 40 हजार मजदूरों को इसका लाभ दिया जायेगा, जो मई के अंत तक मिलने की संभावना है.क्या कहते हैं अधिकारीगरीबों को भरपेट भोजन के लिए जगह-जगह सामुदायिक रसोइघर चलाया जा रहा है. निबंधित निर्माण से संबंधित काम करनेवाले मजदूरों को तीन हजार चिकित्सा और 2500 रुपये पोशाक के लिए प्रति वर्ष दिये जाते हैं. इस साल मई के अंत तक निबंधित मजदूरों के बैंक खाते में राशि उपलब्ध करा दी जायेगी. बिहार से बाहर जाकर मजदूरी करने वाले जिले के 1686 मजदूरों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत एक-एक हजार रुपये का लाभ दिया गया है.
पूनम कुमारी, श्रम अधीक्षक, श्रम विभाग, नालंदा