सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन युवकों को 20-20 वर्ष का जेल
जिला जज पवन कुमार पांडेय ने काॅलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन युवकों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी है.
By Prabhat Khabar News Desk |
May 2, 2024 9:36 PM
शेखपुरा. जिला जज पवन कुमार पांडेय ने काॅलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन युवकों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी है. जिला जज ने तीनों को 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड भी दिया है. अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त पीड़िता को सरकार द्वारा दी जाने वाले प्रतीकर के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार से संपर्क करने की सलाह दी है. तीनों युवक नगर क्षेत्र शेखपुरा के बंगालीपर मोहल्ला के रहने वाले हैं. जिसमें चंदन कुमार और लक्ष्मण कुमार घटना के बाद से ही जेल में बंद है. जबकि, दिलीप कुमार जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद निर्णय के दिन न्यायालय में उपस्थित हुए थे. तीनों को दोषी पाते हुए शनिवार को जिला जज ने न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया था. सजा की बिन्दु पर सुनवाई के लिए बुधवार को इन तीनों को कड़ी सुरक्षा में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इस सजा की कार्रवाई के समय बड़ी संख्या में आरोपित के परिजन और पीड़िता आदि भी उपस्थित थे. इस संबंध में जिला लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि 13 दिसंबर 2021 को सबेरे जब पीड़िता शेखपुरा से बिहारशरीफ अपने कॉलेज परीक्षा का प्रवेश पत्र लाने जा रही थी. उसी समय इन बदमाशों ने उसके साथ सरकारी स्कूल में ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया. इस दौरान बदमाशों ने उसका वीडियो भी बना लिया. वीडियो के माध्यम से उसे लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे. इस संबंध में दोषी द्वारा उसे इस मामले को किसी को नहीं बताने और फिर से शारीरिक संबंध बनाने के लिए बराबर दबाव बनाए जाने लगा. कुछ महीनों बाद 24 अप्रैल 2022 को पुन इन बदमाशों ने छात्रा को फोन कर बुलाने का प्रयास किया और बदले में नहीं आने पर वीडियो वायरल कर देने की धमकी दी. इन सभी के काली करतूत के बाद ब्लैकमेल हो रही पीड़िता ने तब हिम्मत बांधकर इस पूरे मामले को पुलिस के समक्ष बताते हुए न्याय की गुहार लगायी. पुलिस ने तत्परता के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान करते हुए सभी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पुलिस द्वारा आरोप पत्र समर्पित किए जाने के बाद पिछले साल 23 फरवरी को न्यायालय द्वारा आरोप गठन किया गया. अभियोजन द्वारा इस मामले में पीड़िता, उसके परिजन, डॉक्टर और पुलिस सहित पांच गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया.
पीड़िता को मिलेगी राहत राशि
सामूहिक दुराचार के पीड़ित के अधिवक्ता रामउदित प्रसाद सिंह ने बताया कि पीड़िता द्वारा इस मामले के आरोपी को सजा दिये जाने के बाद पीड़ित को सरकारी राहत राशि के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में आदेवन देंगे. सरकार द्वारा दुराचार जैसे जघन्य मामलों के पीड़ितों को सरकार द्वारा प्रतीकर दिये जाने का प्रावधान है. इस मामले मे पीड़िता को पांच लाख से ज्यादा रुपए कि राहत राशि प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. उधर, न्यायालय में सजा सुनाये जाने के बाद ही दोषी की गर्भवती पत्नी अचेत होकर धड़ाम से गिर गयी. जिसे लोगों के पानी का छीटा देकर होश में लाया. इसके पूर्व सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान दोषी अपने अधिवक्ता के मध्यम से रहम की फरियाद करते रहे. दूसरी ओर पीड़िता के अधिवक्ता ने गुहार लगाई कि दोषी के कुकृत्य के कारण पीड़िता का समाज और मुहल्ले में सिर शर्म से झुक गया है. समाज मे उसकी प्रतिष्ठा तार-तर हुई है.
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