हत्यारोपी पति को 10 साल की सजा
दहेज में सोने की सिकरी और अंगूठी नहीं मिलने पर की गई पत्नी की हत्या मामले में आरोपित पति को कोर्ट ने दोषी पाते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
बिहारशरीफ. दहेज में सोने की सिकरी और अंगूठी नहीं मिलने पर की गई पत्नी की हत्या मामले में आरोपित पति को कोर्ट ने दोषी पाते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. सोमवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे तीन अखौरी अभिषेक सहाय ने आरोपित पति मो. शाहिद को दहेज हत्या के अलावा प्रताड़ना के मामले में भी तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई . साथ ही पांच हजार रुपए का जुर्माना भी किया। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दो माह अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी . आरोपित सोहसराय थाना क्षेत्र अन्तर्गत महुआटोला का निवासी है। जबकि पीड़िता गया जिला अंतर्गत वजीरगंज थाना क्षेत्र के भरसेनी गांव की थी. मामले में अभियोजन की ओर से एपीपी अजय कुमार रस्तोगी व सूचक की ओर से अधिवक्ता निवास कुमार नेसभी पांच लोगों की गवाही व बहस की . अधिवक्ता श्री निवास ने बताया कि सूचक मो.बदरुद्दीन की बेटी सवाना परवीन की शादी दिसंबर 2019 मेंआरोपित मो. शाहिद के साथ हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद पति समेत परिवार के अन्य लोग पीड़िता सवाना प्रवीण से सोने की अंगूठी व सिकरी दहेज के रूप में पिता से मांग कर लाने को कहा. नहीं देने पर उसे प्रताड़ित करता रहा। आखिरकार 26 जनवरी 2023 को सभी लोगों ने मिलकर पीड़िता सवाना प्रवीण को गला दबाकर हत्या कर दी. जानकारी मिलने पर मृतका के पिता मो .बदरुद्दीन अपने दामाद के घर पहुंचा,जहां अपनी बेटी को मृत्यु अवस्था में पाया. इसके बाद सोहसराय थाने में एफआईआर कराई थी. इस मामले में सास ससुर व अन्य का मामला अभी न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार वर्मा के न्यायालय में लंबित है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है