राजगीऱ सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि भारत वैभवशाली देश है. लेकिन मगध के बिना भारत का इतिहास, विरासत और संस्कृति अधूरी है. पाली और प्रकृति की तरह मगही भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है. शनिवार को राजगीर के वीरायतन में आयोजित मगध साहित्य प्रेरणा उत्सव के समापन समारोह में सांसद ने यह कहा. इस अवसर पर अनेकों साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया। उन्होंने कहा कि मैथिली की तरह मगही को भी आठवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिये. इसके लिये की जा रही पहल में उनके द्वारा हरसंभव सहयोग किया जायेगा. उन्होंने कहा मगध का साहित्य, संस्कृति, परंपरा आदि-अनादि काल से समृद्ध रहा है. जिस तरह नालंदा विश्वविद्यालय फिर से पुनर्जीवित हुआ है उसी तरह मगही फिर से पुनर्जीवित हो इसके लिए हमसब का सामूहिक प्रयास होना चाहिये. मगध महिमा की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि मगध बिना भारत की संस्कृति और चंपारण बिना महात्मा गांधी अधूरे होंगे. मैथिली को आठवीं सूची में शामिल करने के बाद 100 से अधिक मैथिली से आईएएस बने है. मगध बिना सब कुछ आधा अधूरा है. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय और नालंदा की शैक्षणिक परंपरा की चर्चा करते हुए विवेक ठाकुर ने कहा कि दुनिया के लोग वर्षों यात्रा कर नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आते थे. बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उद्गम स्थल मगध है. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का महान ग्रंथ त्रिपिटक की रचना इसी मगध में हुई थी. उन्होंने कहा कि नवादा और शेखपुरा के विकास के लिए ईमानदारी प्रयत्नशील हैं. पहले मगध चार जिलों में ही सिमट कर रह गया था. अब उसका विस्तार हो रहा है. यह जानकर उन्हें काफी खुशी हो रही है.
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