राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने में केंद्रीय विद्यालय की भूमिका सशक्त : प्राचार्य
शहर के आयुध निर्माणी, नालंदा परिसर के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नालंदा में शनिवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन का 62 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया.
राजगीर. शहर के आयुध निर्माणी, नालंदा परिसर के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नालंदा में शनिवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन का 62 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अथिति द्वारा दीप प्रज्वलित कर और सरस्वती वंदना से हुआ. समारोह के प्रारंभ में विद्यालय प्राचार्य श्री विवेक किशोर ने मुख्य अतिथि डॉ.मीर इस्लाम सहायक प्रोफेसर, नालंदा विश्वविद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालय राजगीर के सेवानिवृत शिक्षक श्री ए के सिंह का हरित वसुंधरा से स्वागत किया. विद्यालय के छात्राओं ने सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत अपने संगीत शिक्षक अमर के साथ किया,गीत के साथ साथ प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों ने नृत्य से भी अतिथियों का हृदय जीत लिया. विद्यालय प्राचार्य ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथिजनों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आज बहुत ही हर्ष और गर्व का पल है कि हम सभी केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्थापना का 62 वें वर्षगांठ के साक्षी बने हैं. उन्होंने सत्य निष्ठा और कर्तव्य परायणता का जिक्र कर केंद्रीय विद्यालय संगठन के इतिहास, उद्देश्य एवं मिशन पर प्रकाश डाला| प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन एक विश्व स्तरीय स्कूली शिक्षा की श्रृंखला है, जो की शिक्षा के गुणवत्ता तथा सार्थकता में बहुत अग्रणी है. 1963 में 20 रेजिमेंटल विद्यालय से शुरू हुआ ये सफर आज पूरे देश में 1256 केंद्रीय विद्यालय के साथ साथ 3 केंद्रीय विद्यालय काठमांडू, तेहरान तथा मास्को में भी स्थापित है. संगठन के अंतर्गत लाखों विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर देश तथा समाज के हित में कार्य कर रहे हैं वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा भी केंद्रीय विद्यालय के छात्र रह चुके है. राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने में केंद्रीय विद्यालय सशक्त भूमिका निभाता है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक केंद्रीय विद्यालय में एक जैसी शिक्षा व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन पर हमें गर्व है. इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने कुशल मंच संचालन किया और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों ने समूह नृत्य, तथा एक्शन नृत्य से यह जता दिया कि केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों द्वारा बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जाता है. विद्यालय के बच्चों ने एक लघु नाटिका ” पर्वतपुरुष दशरथ मांझी ” का मंचन किया. प्रोजेक्टर द्वारा केंद्रीय विद्यालय के इतिहास एवं वर्तमान का केन्द्रीय विद्यालय गीत ”””””””””””””””” भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय लाएगा. तक्षशिला, नालंदा का इतिहास लौटकर आएगा ”””””””””””””””” के माध्यम से अवगत कराया. मुख्य अतिथि ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया और आशीर्वचन के रूप में सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालय की स्थापना केंद्रीय कर्मचारियों जिनका तबादला बार बार होता रहता है उनके बच्चों की शिक्षा निर्बाध रूप से हो इस उद्देश्य से की गई थी जो आज अपने इस मिशन में पूरी तरह से सफल है उसके साथ साथ समाज के अन्य वर्ग के विद्यार्थी भी इससे लाभान्वित हो रहे है. समारोह के अंत में विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका किरण पांडेय ने सभी आगंतुकों का एवम् इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी के सराहनीय योगदान के लिए धन्यावाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर सदस्य उपस्थित रहे. पीएम श्री योजना के अंतर्गत एक 21 वीं सदी कौशल विषय पर कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. मुख्य वक्ता डॉ. मीर इस्लाम ,सहायक प्रोफेसर स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड ह्यूमैनिटी ,नालंदा विश्वविद्यालय ने कक्षा छठी से बारहवीं तक के बच्चों को मार्गदर्शन किया. सभी शिक्षक परिचर्चा में शामिल हुए.
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