बिहारशरीफ. स्मार्ट सिटी घोषित हुए वर्षों बीत गये़ लेकिन शहरवासियों की बुनियादी समस्याएं अभी भी दूर नहीं हुई है. दर्जनों परियोजनाओं पर करोड़ रूपये खर्च किये गये, लेकिन अब तक शहर के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों में पर्याप्त लाइट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है. अभी भी शाम ढलते ही शहर के अधिकांश मुख्य मार्ग एवं गलियां अंधेरे में डूब जाती है. ऐसे मार्ग से आने-जाने वाले यात्री डर-डर के आगे बढ़ते हैं. बिहारशरीफ नालंदा का जिला मुख्यालय है. इसलिए यहां दूरदरार के गांव-कस्बों से प्रतिदिन हजारों लोगों को आना जाना लगा रहता है. इसके अतिरिक्त छह में से चार बस स्टैंड से झारखंड, पश्चिम बंगाल. उड़ीसा जैसे अर्तराज्यीय क्षेत्र के लिए दर्जनों बसें देर रात तक खुलती हैं, जिनपर सवार होने के लिए दूर शाम तक ग्राम-कस्बों से लोग आते हैं, लेकिन ऐसे लोगों को शहर की अंधेरे वाली मार्ग डरावना लगता है. खासकर महिला और युवतियां शाम होते ही अधेरी वाली मार्ग व बस स्टैंड में घूसते ही सहम जाती है. ऐसे दर्जनों यात्रियों ने प्रभात खबर पड़ताल टीम से अपनी समस्या से अवगत कराया जिसकी सत्यता को जांचने के लिए संवाददाता कंचन कुमार के साथ फोटोग्राफर सुनील कुमार ने बुधवार की देर शाम शहर के दो दर्जन चौक-चौराहों का भ्रमण किया. रांची रोड, रामचंद्रपुर, खंदकपर, गगनदीवान और मिंतू बस स्टैंड, मंगला स्थान, परवलपुर रोड, मछली मंडी चौक, देवीसराय मोड़, लहेरी थाना के ब्रह्मास्थान वाली रोड में शाम होते ही अंधेरा आने-जाने वाले को डराने लगता है.
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