हरोहर नदी के जलस्तर में कमी आने से घाटकुसुम्भा वासियों ने ली राहत की सांस
गंगा के जल स्तर में वृद्धि के कारण घाटकुसुम्भा क्षेत्र में उसकी सहायक हरोहर नदी में आयी उफान के कारण प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव पिछले एक सप्ताह से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है.
घाटकुसुम्भा.
गंगा के जल स्तर में वृद्धि के कारण घाटकुसुम्भा क्षेत्र में उसकी सहायक हरोहर नदी में आयी उफान के कारण प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव पिछले एक सप्ताह से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. अब गंगा के जल स्तर में कमी आने के बाद प्रखंड क्षेत्र के गांवों, खेतों और स्कूलों में जमा पानी हरोहर नदी की ओर गिरना शुरू हो गया है. घाटकुसुंभा के अंचलाधिकारी विश्वास आनंद ने बताया कि जल स्तर में लगभग 6 इंच की कमी आयी है. लेकिन, ग्रामीणों ने अभी पानी के जलस्तर में कमी नहीं होने की बात कही. ग्रामीणों ने बताया कि मंद गति से पानी कम होना शुरू हो गया है. इस बीच पिछले एक सप्ताह से बाढ़ के पानी में घिरे रहने के बाद उसे किसी प्रकार के सरकारी राहत नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा जा रहा है. ग्रामीणों का भरोसा केवल भगवान पर ही है,जहां वर्षा नहीं होने से राहत है. इससे उम्मीद है कि जलस्तर धीरे-धीरे कम होगा. अंचल अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के पानी से घिरे ग्रामीणों को प्लास्टिक की सीट मुहैया कराई गई है. जिला प्रशासन द्वारा लोगों के बीच सुखा राशन बांटने की सामग्री प्रखंड मुख्यालय में पहुंच गयी है. जिसे बाढ़ प्रभावित लोगों की पहचान कर उनके बीच वितरण करने का काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि जिले के पानापुर, आलापुर, घाटकुसुम्भा, गदबदिया, बटोरा, सहरा, वृंदावन आदि गांवों में लोगों को तत्काल प्लास्टिक की सीट उपलब्ध करायी गयी है. इन गांव का सड़क संपर्क भंग हो जाने के बाद निशुल्क नाव की सुविधा लोगों के आवागमन के लिए उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने बताया कि जल स्तर पर लगातार प्रशासन की नजर बनी हुई है. उन्होंने सभी लोगों को इस मौके पर धैर्य रखने की अपील की. फिलहाल लोग बाढ़ के पानी से गिरे हुए हैं. स्कूलों के परिसर में पानी जमा होने और कई घरों में पानी प्रवेश करने के बाद लोग अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थान सड़क पर डेरा डाले हुए हैं. लोग बेसब्री से प्रशासन की ओर से राहत सामग्री की आस में टकटकी लगाए हुए हैं.विधायक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा : घाटकुसुम्भा.
विधायक विजय सम्राट मंगलवार को घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभवित बेलौनी, पानापुर, आलापुर, गदबदिया आदि गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मिलकर फसल नुकसान सहित उनके कठिनाइयों के बारे में जानकारी ली. विधायक ने फसल डूबने सहित अन्य समस्या को देखते हुए ग्रामीणों को पहुंचे नुकसान के बदले मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. इस मौके पर राजद नेता विनय यादव, हंस कुमार, रवि,सोनू साव आदि शामिल थे. एक सप्ताह से घाटकुसुम्भा प्रखंड में गंगा का जल स्तर बढ़ने से हरोहर नदी ने तबाही मचा रखी है. हरोहर नदी का पानी प्रखंड के सभी पंचायतों में फैल गया है. जिससे घाटकुसुम्भा प्रखंड के सैकड़ों एकड़ भूभाग में लगी धान, मकई, अरहर की फसलें पानी में डूब गयी है. जबकि निचले जमीन पर बसे सैकड़ों लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है. इसके कारण लोग अपने घरों को छोड़ ऊंचे स्थान पर शरण लेने को विवश हैं. घाटकुसुम्भा प्रखंड के वृंदावन गांव में घर छोड़कर दूसरे जगह शरण लेने वालों की संख्यां करीब दो दर्जन बताई जा रही है. इसी तरह से अन्य गांवों में भी लोगों घरों को छोड़ने को मजबूर हो गये हैं.बाढ़
से फसलों की बर्बादी पर मुआवजा की मांग :
घाटकुसुंभा
. प्रखंड प्रमुख अनवर बाबा ने जिला कृषि पदाधिकारी से घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र में आए बाढ़ के पानी से फसलों की हुई बर्बादी को लेकर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन देखकर जिला कृषि पदाधिकारी को क्षेत्र में बाढ़ के पानी से बर्बाद हुए मक्का, अरहर, धान आदि के फसल के मुआवजा जल्द से जल्द देने की मांग की है. उन्होंने कृषि पदाधिकारी को अवगत कराया कि इस संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में बाढ़ से बर्बाद हो गये किसानों को राहत पहुंचाने में जिला कृषि विभाग को संवेदनशील होना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा बाढ़ से फसल नुकसान का जायजा सभी कृषि पदाधिकारी को 24 घंटे के अंदर पूरा कर लेने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक यह काम यहां शुरू भी नहीं किया जा सका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है