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बिजली संकट के विरोध में मकरौता बिजली उपकेंद्र में की तालाबंदी

प्रखंड क्षेत्र में बिजली की आंख मिचौली और लो वोल्टेज की समस्या से परेशान उपभोक्ताओं का सब्र का बांध टूट गया.

करायपरसुराय़ प्रखंड क्षेत्र में बिजली की आंख मिचौली और लो वोल्टेज की समस्या से परेशान उपभोक्ताओं का सब्र का बांध टूट गया. गुरुवार की रात आक्रोशित विद्युत उपभोक्ताओं ने मकरौता विद्युत उपकेंद्र पर हंगामा करते हुए मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी. ग्रामीणों ने 18 घंटे निरंतर बिजली आपूर्ति और वोल्टेज बढ़ाने की मांग की. पुलिस और विद्युत अधिकारियों के मान-मनौवल के बाद तालाबंदी समाप्त हुई, लेकिन इस दौरान करीब 10 घंटे अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही. बिजली संकट और लो वोल्टेज की समस्या

कृषि कार्य को लेकर करायपरसुराय प्रखंड के विद्युत उपभोक्ता बिजली की अनियमित आपूर्ति और लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उदानसीनता के कारण बिजली आपूर्ति नियमित नहीं रहती. बिजली कब आएगी और कब जाएगी, यह कह पाना मुश्किल हो गया है. विभाग बिना सूचना दिए कभी लोड शेडिंग, कभी मेंटेनेंस, तो कभी 33 केवी लाइन में खराबी के नाम पर घंटों बिजली बाधित कर दिया जाता है. इससे आषाढ़ माह की भीषण गर्मी में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. रात में नींद भी दूभर हो गया है, और किसानों को खेतों में पटवन करने में काफी दिक्कत हो रही हैं.

ग्रामीणों का आक्रोश और हंगामा

गुरुवार की रात करीब 7:00 बजे आक्रोशित उपभोक्ता एकत्रित होकर मकरौता विद्युत उपकेंद्र पहुंचे और मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी. तालाबंदी से पहले लोगों ने उपकेंद्र में कार्यरत कर्मियों को मुख्य द्वार से बाहर निकाल दिया. इस दौरान उपभोक्ताओं ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की. उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत कंपनी के अधिकारी एक ओर उपभोक्ताओं पर इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट मीटर लगाने का दबाव बना रहे हैं, जबकि दूसरी ओर बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय है.

पुलिस और अधिकारियों की मान-मनौवल

तालाबंदी और हंगामे की सूचना मिलते ही चिकसौरा थानाध्यक्ष बवन कुमार सहित अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचे और काफी मान-मनौवल के बाद लोगों को शांत कराया. विद्युत विभाग के अभियंता ने 18 घंटे बिजली आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद तालाबंदी समाप्त हुई. हालांकि, इस कारण लोग रातभर अंधेरे में डूबे रहे. शुक्रवार सुबह 6:00 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन लो वोल्टेज की समस्या अभी भी बनी हुई है.

2023वर्ष में भी किसान ने किया था हंगामा

यह समस्या पहली बार नहीं हुई है. पिछले वर्ष भी लो वोल्टेज और कम बिजली आपूर्ति को लेकर प्रखंड के ग्रामीणों ने मकरौता विद्युत उपकेंद्र में हंगामा किया था. उस समय भी विभाग के अधिकारियों ने बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.

ग्रामीणों की मांग और उनकी समस्या

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें दिन और रात मिलाकर मुश्किल से 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल पाती है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते गांवों में बिजली की समस्या विकराल होती जा रही है. लो वोल्टेज के कारण घरेलू उपकरणों को नुकसान हो रहा है और कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो वे फिर से उग्र आंदोलन करेंगे. उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि बिजली की आपूर्ति और वोल्टेज को सामान्य बनाए रखने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। करायपरसुराय प्रखंड में बिजली संकट की गंभीरता को उजागर कर दिया है. जरूरत है कि विद्युत विभाग इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि ग्रामीणों को बार-बार इस तरह के आंदोलन करने की नौबत न आए.

क्या कहते हैं अधिकारी

विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन ने कहा कि ग्रामीणों ने अधिक बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर विद्युत उपकेंद्र मकरौता में हंगामा किया था. प्रयास कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बिजली आपूर्ति की जाए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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