इलाज कराने आये अधेड़ की संदिग्ध स्थिति में मौत

सदर अस्पताल में बुधवार को इलाज कराने आए एक अधेड़ की संदिग्ध हालत में मौत हो गई.परिजन डॉक्टर और ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा किया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 9:39 PM

बिहारशरीफ. सदर अस्पताल में बुधवार को इलाज कराने आए एक अधेड़ की संदिग्ध हालत में मौत हो गई.परिजन डॉक्टर और ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा किया.मृतक रहुई थाना क्षेत्र के उतरनावा गांव निवासी 50 वर्षीय ललित राऊत है. मृतक की बहन माधुरी देवी बताया कि ठंड लगने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए थे. यहां लाने पर न सिर्फ इलाज में देरी हुई, बल्कि उन्हें बार-बार इधर-उधर भटकाया गया. इमरजेंसी काउंटर पर भी सामान्य रोगियों का पर्चा काटा जा रहा था इस दौरान काफी देर बाद नंबर आया. यदि समय रहते डॉक्टर और ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी इलाज करते हैं तो शायद उनकी जान बच सकती थी.काफी देर ओपीडी में खड़े रहने के बाद नंबर आने पर डॉक्टर इमरजेंसी जाने को कहें वहां जाने पर डॉक्टर बिना आला लगाए. जांच कराकर लाने को कहें बीमारी के कारण वह सही चल नहीं पा रहे थे बावजूद परिवार वाले पकड़ कर उन्हें जांच करने के लिए अस्पताल के दूसरे मंजिल पर ले गए वहां से सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे गिर गए और मौत हो गई.मृतक के दो बेटे और दो बेटियां हैं, और उनका परिवार पटना में रहता है. गांव में वह अकेले रहते थे. घटना के बाद परिवार सदमे में है.ड्यूटी में तैनात डॉक्टर सावन सुमन ने बताया कि मरीज की हालत भर्ती करने लायक नहीं था. इसलिए जांच कराने के लिए भेजा गया था.परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप वेबुनियाद है मरीज का समय पर इलाज शुरू कर दिया गया था. बिहारशरीफ. सदर अस्पताल में बुधवार को इलाज कराने आए एक अधेड़ की संदिग्ध हालत में मौत हो गई.परिजन डॉक्टर और ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा किया.मृतक रहुई थाना क्षेत्र के उतरनावा गांव निवासी 50 वर्षीय ललित राऊत है. मृतक की बहन माधुरी देवी बताया कि ठंड लगने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए थे. यहां लाने पर न सिर्फ इलाज में देरी हुई, बल्कि उन्हें बार-बार इधर-उधर भटकाया गया. इमरजेंसी काउंटर पर भी सामान्य रोगियों का पर्चा काटा जा रहा था इस दौरान काफी देर बाद नंबर आया. यदि समय रहते डॉक्टर और ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी इलाज करते हैं तो शायद उनकी जान बच सकती थी.काफी देर ओपीडी में खड़े रहने के बाद नंबर आने पर डॉक्टर इमरजेंसी जाने को कहें वहां जाने पर डॉक्टर बिना आला लगाए. जांच कराकर लाने को कहें बीमारी के कारण वह सही चल नहीं पा रहे थे बावजूद परिवार वाले पकड़ कर उन्हें जांच करने के लिए अस्पताल के दूसरे मंजिल पर ले गए वहां से सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे गिर गए और मौत हो गई.मृतक के दो बेटे और दो बेटियां हैं, और उनका परिवार पटना में रहता है. गांव में वह अकेले रहते थे. घटना के बाद परिवार सदमे में है.ड्यूटी में तैनात डॉक्टर सावन सुमन ने बताया कि मरीज की हालत भर्ती करने लायक नहीं था. इसलिए जांच कराने के लिए भेजा गया था.परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप वेबुनियाद है मरीज का समय पर इलाज शुरू कर दिया गया था.

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