राजगीर में बनेगा आधुनिकरण टेक्नोलॉजी संग्रहालय : महानिदेशक
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक डॉ यदुवीर सिंह रावत एवं वर्ल्ड हेरिटेज के डायरेक्टर एम एस चौहान ने राजगीर के अजातशत्रु किला मैदान में चल रहे उत्खनन कार्य का मुआयना किया.
राजगीर. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक डॉ यदुवीर सिंह रावत एवं वर्ल्ड हेरिटेज के डायरेक्टर एम एस चौहान ने राजगीर के अजातशत्रु किला मैदान में चल रहे उत्खनन कार्य का मुआयना किया. पुरातत्वविदों द्वारा उत्खनन स्थलों के अलावे उत्खनन से प्राप्त हुए पूरावशेषों का निरीक्षण व अवलोकन किया गया. अधीक्षण पुरातत्वविद् ( उत्खनन) सुजीत नयन द्वारा महानिदेशक को मगध के ऐतिहासिक महत्व और मगध साम्राट अजातशत्रु किला के उत्खनन और मिल रहे अवशेषों के बारे में विस्तार से बताया गया. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक डॉ रावत ने निरीक्षण के दौरान कहा कि सब ठीक ठाक रहा तो अगले साल जून – जुलाई महीने में आधुनिकरण टेक्नोलॉजी से लैस संग्रहालय का निर्माण मगध की ऐतिहासिक राजधानी राजगीर में किया जाएगा. संग्रहालय निर्माण के लिए स्थल चयन करने का आदेश पटना अंचल के अधिकारियों को दिया गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लोग नई टेक्नोलॉजी के रूप में संग्रहालय के माध्यम से पुराने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी ले सकते हैं. नालंदा के डेवलपमेंट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नालंदा यूनिवर्सिटी का निर्माण किया गया. इसके अलावे जो अजातशत्रु किला मैदान में दुर्लभ प्राचीन पुरावशेष उत्खनन में निकल रहे हैं. इन सभी चीजों को संग्रहालय के माध्यम से आने वाले दिनों में दिखाया जाएगा। महानिदेशक ने कहा कि अभी उत्खनन का कार्य आरंभिक स्टेज में है. इसके बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. उत्खनन के दौरान दीवार मिली है. जमीन से नीचे तक जाना होगा. उन्होंने कहा कि वारिस को देखते हुए जमीन से नीचे तक जाने के लिए ऊपर से शेड देने का निर्देश दिया गया है. ताकि उत्खनन कार्य बाधित नहीं हो सके. महानिदेशक ने कहा कि नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलपति अभय कुमार सिंह से इन सभी चीजों को लेकर बातचीत चल रही है. संग्रहालय को नये टेक्नोलॉजी के रूप में डेवलपमेंट किया जाएगा. इसको लेकर तैयारी की जा रही है. इस अवसर सहायक अधीक्षण भानु प्रताप , अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ सुजीत नयन, पुरातात्विक इंजीनियर के अलावे अनेकों पुरातात्विद् शामिल थे.
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