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नालंदा विवि के विशेष अनावरण डाक टिकट हुआ जारी

पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय पर विशेष आवरण डाक टिकट जारी करते हुए मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि विश्व का पहला डाक टिकट पटना में 1774 ईस्वी में जारी किया गया था। उस समय उस टिकट की कीमत मात्र एक आना था.

राजगीर. पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय पर विशेष आवरण डाक टिकट जारी करते हुए मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि विश्व का पहला डाक टिकट पटना में 1774 ईस्वी में जारी किया गया था। उस समय उस टिकट की कीमत मात्र एक आना था. नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय फिलाटेली प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में बुधवार को उन्होंने यह कहा. प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने नालंदा विश्वविद्यालय पर डाक टिकट जारी करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आने वाले समय में राजगीर के चर्चित ग्लास ब्रिज, नेचर सफारी, जू सफारी पर भू डाक टिकट जारी होने वाला है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश में डाक और डाकिया का बहुत महत्व है. बच्चे डिजिटल हो रहे हैं. लेकिन लेखन क्षमता को अक्षुण्ण रखने के लिए पत्र लेखन आवश्यक है.उन्होंने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार की हवा में वह तासीर है कि आसमान में भी प्रतियोगिता होगी तो बिहार के बच्चे ही बाजी मारेंगे. ज्ञान के क्षेत्र में हम सब आगे बढ़ेंगे, तभी बिहार आगे बढ़ेगा. — नये संसद भवन के पुस्तकालय का नाम ””””””””नालंदा”””””””” इस अवसर पर संसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि नालंदा की पुरानी गौरव फिर से पुनर्जीवित हो रही है. नालंदा साधारण नहीं, बल्कि असाधारण है. देश के नये संसद भवन में स्थापित पुस्तकालय का नाम ””””””””नालंदा”””””””” है। राजगीर के सांस्कृतिक, प्राकृतिक विरासत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी पहाड़ी राजगीर की पांच पहाड़ी है। विधायक कौशल किशोर ने कहा कि डाक विभाग देश को एक सूत्र में बांध रखा है। इंटरनेट के युग में भी डाक का महत्व नहीं घटा है। — नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में डाकघर खोलने की मांग नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि डाक आमजनों को जोड़ता है। डाकघर और डाकिया के संवेदनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अबतक 3000 डाक टिकट का संग्रह किया गया है. डाक विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में बिहार की जीवंतता मौजूद है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव रमेश प्रताप सिंह परिहार ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां को रेखांकित करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में फिलहाल 25 देशों के विद्यार्थी पढ़ते हैं. पहले 38 देशों के विद्यार्थी पढ़ते थे। देशी- विदेशी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा डाक से सर्टिफिकेट भेजे जाते हैं. इसलिए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में एक डाकघर खोलने की आवश्यकता उन्होंने बताया. — डाकघर में बनता है 70 फीसदी पासपोर्ट : मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने डाक व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले राजगीर के साइक्लोपीनियन वाॅल पर डाक टिकट जारी किया गया है.राजगीर का यह साइक्लोपीनियन वॉल चीन की मशहूर दीवार से दो हजार साल पुरानी है. राजगीर के गौरवशाली अतीत और ऐतिहासिक महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजगीर पांच पहाड़ियों और पांच धर्मों के संगम के लिए विश्व विख्यात है. यह ज्ञान, अध्यात्म और राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा है. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के कॉन्सेप्ट पर पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया है. अनिल कुमार ने कहा कि संदेश और पत्र भेजने में जमीन आसमान का अंतर है. विदेशों में पत्र लेखन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा स्वीडन जैसे देश में प्रति व्यक्ति 1000 पत्र लिखते हैं। भूटान में प्रति व्यक्ति 700 से 800 पत्र लिखते हैं. लेकिन भारत में प्रति व्यक्ति 6 -7 पत्र ही लिख पाते हैं. पत्र लिखने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ही पत्र लिखें. उन्होंने कहा कि डाकघर केवल डाक ही नहीं बांटता है, बल्कि सेवाएं भी देता है. बिहार में 70 फीसदी पासपोर्ट और 65 फीसदी आधार कार्ड डाकघर में बनता है. बिहार के विभिन्न डाकघर में साढ़े चार करोड़ बैंकिंग अकाउंट है. अनिल कुमार ने कहा विश्व के आधे से अधिक राष्ट्राध्यक्ष डाक टिकट संग्रहकर्ता रह चुके हैं. — डाकघर से हुआ छह लाख सोलर योजना का निबंधन : पूर्वी क्षेत्र के डाक महाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि जिला स्तरीय इस डाक प्रदर्शनी के माध्यम से गौरवशाली अतीत, इतिहास, कला, संस्कृति और पारंपरिक पहलुओं को दर्शाया गया है. अप्पन बिहार प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, सनातन धर्म, विज्ञान, संस्कृति, देश-विदेश के संबंधों आदि पर जारी डाक टिकट को सम्मिलित किया गया है. उन्होंने कहा आज भी लोग पार्सल डाकघर द्वारा ही मांगते हैं. छह लाख प्रधानमंत्री सोलर योजना का निबंधन डाकघर द्वारा किया गया है. उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि बिहार के सभी पंचायत सरकार भवनों में डाकघर खोलने की व्यवस्था होने से आमजन को काफी सहुलियत होगी. डाकघर द्वारा 64 प्रकार की सुविधा आम जनता को दी जा रही है. आरंंभ में नालंदा के डाक अधीक्षक कुंदन कुमार द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया. उनके द्वारा इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी गयी. इस दो दिवसीय कार्यक्रम के मौके पर आयोजित प्रतियोगिताओं में 21 स्कूल के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं. इस अवसर पर आयुध निर्माणी के मुख्य महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता, केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य विवेक किशोर, डाक अधीक्षक कुंदन कुमार, सहायक डाक अधीक्षक मनोज कुमार, डाक निरीक्षक इंद्रेश विक्रांत, विवेक कुमार, विकास राय, डाकपाल अमलेश कुमार एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे.

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