करायपरसुराय में तीन हजार 761 हेक्टेयर में होगी धान की खेती
प्रखंड के ई किसान भवन में शनिवार को खरीफ महाभियान 2024 के तहत एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम सह उत्पादन वितरण का आयोजन किया गया.
करायपरसुराय. प्रखंड के ई किसान भवन में शनिवार को खरीफ महाभियान 2024 के तहत एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम सह उत्पादन वितरण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार ,बीएओ जन्मेयजय सिन्हा, केवीके नूरसराय से विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ.माला सिन्हा प्रखंड प्रमुख संगीता कुमारी ने संयुक्त रूप से ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने खरीफ फसल के तहत मोटे अनाज की उपज बढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर मिलने वाले अनुदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मक्का, ज्वार, अरहर की खेती फायदेमंद है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री सिन्हा ने कहा कि प्रखंड में धान कुल 3 हजार 761 हेक्टेयर में खरीफ फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें धान 3.761 हेक्टेयर ,अरहर 50 हेक्टेयर, मुंगफली 2हेक्टेयर, ज्वार , मक्का, गन्ना , ढैंचा अन्य फसलें 10 लगाने का टारगेट रखा गया है। लोगों से जैविक खाद के प्रयोग के साथ हरा खाद के प्रयोग करने की बात कही। इसमें वक्ताओं ने कृषि यंत्र, कृषि संबंधित योजनाएं आदि के बारे में भी चर्चा की. ज्यादा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति हो जाती कम केवीके नूरसराय , मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. माला सिन्हा ने बताया कि अच्छे बीज का उपयोग करने के बावजूद फसल अच्छी नहीं हो रही है. इसका मुख्य कारण है मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर रहना है. ज्यादा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो गयी है. इसके लिये आवश्यक है कि किसान ढ़ैंचा की खेती करें, इससे मिट्टी एवं पौधों को संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन मिल सकेगा. ढ़ैंचा की खेती करने के लिये सभी कृषि कर्मियों को खुद भी जागरुक होना है. किसानों को भी जागरुक करना है. तभी जलवायु अनुकूल खेती करके धान, मोटे अनाज फसल का उत्पादन एवं उत्पादकता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. इस अवसर पर प्रखंड के प्रमुख संगीता कुमारी, पंचायत समिति रामानुज कुमार , जेडीयू नेता दीपक कुमार, कृषि समन्वयक अजीत कुमार, ऊग्रसेन कुमार, कृषि तकनीक पदाधिकारी बलवीर कुमार, कुमारी सोनालिका कृषि सलाहकार के साथ सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे.
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