बिहारशरीफ. शनिवार को 102 एंबुलेंस कर्मियों की अनिश्चकालीन हड़ताल का दूसरा दिन रहा. इसके साथ ही मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. विशेषकर गरीब तबके के मरीजों को अस्पताल से उनके परिजन कंधे पर लादकर गंतव्य जगहों पर ले जा रहे हैं. लेकिन इस दौरान सरकारी स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को भी कोस कर रहे हैं. सिर्फ दो दिनों के अंतराल में ही इस अनिश्चिकालीन हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ती दिख रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिये वैकल्पिक व्यवस्था के तहत निजी एंबुलेंस को जरूरत के अनुसार हायर किये जाने की बात कही गयी है़ लेकिन इसका फायदा अबतक नहीं मिलता दिख रहा है.
मरीज को कंधे पर लादकर ले गये परिजन :
अनिश्चिकालीन हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को भी 102 एंबुलेंस कर्मी ने धरना दिया और मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. मौके पर 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार पांडेय ने बताया कि गुरुवार की 12 बजे रात से जिले में एंबुलेंस संचालन का जिम्मा दूसरे कॉन्टैक्टर को मिला है. उनके द्वारा पुराने कर्मियों को नहीं रखा जा रहा है और तीन माह का वेतन भी नहीं दिया गया है. अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू करने के पूर्व 29 नवंबर को सीएस का घेराव कर अपनी मांगों को तीन दिनों में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन जब मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हमलोग शुक्रवार से ही अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गये हैं.
निजी एंबुलेंस को किया जा रहा हायर :
102 एंबुलेंस कर्मियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. लेकिन इससे निपटने के लिये फिलहाल निजी एंबुलेंस को हायर किया जा रहा है. जरूरतमंद मरीजों को निजी एंबुलेंस कराया जा रहा है. -डॉ. अशोक कुमार, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, बिहारशरीफ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है