बिहारशरीफ. संसद में पहुंचने ख्वाब पाले लोग चुनाव में सफल होने के लिए तरह- तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग ज्योतिषाचार्य, तांत्रिक व अघोरी बाबा के दरबार का चक्कर लगा रहे हैं. नामांकन करने के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश व नामांकन के बाद चुनाव में सफल होने की दुआएं मांगते फिर रहे हैं. कोई मंदिर जा रहा है तो कोई मजार जाकर सफल होने की दुआ मांग रहा है. ज्योतिषाचार्य के यहां जाकर शुभ मुहूर्त निकलवाना कोई नई बात नहीं है. हिंदू धर्म में यह बताया गया है कि शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में कोई शुभ कार्य करना बेहतर होता है. शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि अभी नालंदा लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. कई लोग नामांकन के लिए शुभ दिन व शुभ मुहूर्त जानने के लिए आ चुके हैं. उन्हें बताया गया है कि शुक्र और गुरु के अस्त होने के चलते शुभ कार्य निषेध होने से नामांकन करने के इच्छुक लोगों की चिंता बढ़ी हुई है. 25 अप्रैल को शुक्र अस्त हो चुका है और 6 मई को गुरु भी अस्त हो गए हैं. 14 मई तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं. उनके यहां आने वाले लोगों को बताया गया है कि 9, 10, 13 और 14 मई को नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त हैं. 11 मई को महीने के दूसरे शनिवार और 12 मई को रविवार की छुट्टी के चलते नामांकन नहीं हो पाएंगे. जानकारों का कहना है कि नामांकन पत्र शुभ मुहूर्त और सही नक्षत्र में भरा जाए तो उत्तम फलदायी रहता है. निर्वाचन विभाग ने नामांकन पत्र दाखिल करने का समय सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक निर्धारित किया है. इसलिए प्रत्याशियों को इसी समय के बीच का मुहूर्त तलाशना होगा. ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि 9, 10, 13 और 14 मई को क्रमश: कृतिका, अक्षय तृतीया, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र नामांकन के लिए शुभ हैं. उन्होंने बताया कि कई लोग चुनाव में सफल होने का उपाय करने पर अड़ जाते हैं. ऐसे लोग कहते हैं कि बाबा आप सिर पर हाथ रख दें तो संसद पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता. ऐसे लोगों को जब बताया जाता है कि चुनाव में सफल होना या नहीं होना तुम्हारे कर्म और भाग्य पर निर्भर करता है, इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं. कई लोग फिर भी अपनी जिद पर अड़ जाते हैं. न चाहते हुए भी ऐसे लोगों को बेमन से आशीर्वाद देना पड़ता है. इस बारे में कोई भी न तो अपना और न ही अपने तांत्रिक या बाबा का नाम जाहिर करना चाहता है. नाम न छापने की शर्त पर कई ज्योतिषी ने मिले-जुले खुलासे किए. सूत्र बताते हैं कि कुछ लोग तांत्रिक अनुष्ठान को कराने के लिए दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. तंत्र-मंत्र के साथ अघोर साधनाएं की जा रही हैं. बाहर से भी कई तांत्रिकों, पंडितों व जप करने वालों को बुलाया गया है.
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