निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद प्रसूती की मौत, हंगामा
सदर अस्पताल शेखपुरा गेट नंबर 2 के सामने संचालित एक हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया.
शेखपुरा. सदर अस्पताल शेखपुरा गेट नंबर 2 के सामने संचालित एक हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया. इस दौरान अस्पताल में ताला लगाकर संचालक और चिकित्सक मौके से फरार हो गये. घटना में परिजनों ने सदर अस्पताल के चिकित्सक और कर्मी पर इलाज के दौरान लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. घटना में मृतक की पहचान पटना जिले के गोनपुरा गांव निवासी मोहन पाल की 19 वर्षीय पत्नी वंदना कुमारी बताई गई है. वहीं वंदना शेखपुरा जिले के ही करंडे थाना क्षेत्र अंतर्गत लुटौत गांव निवासी महेंद्र पाल की पुत्री है. घटना में पीड़ित परिजन ने बताया कि 10 अक्टूबर की रात्रि प्रसव पीड़ा के बाद उक्त गर्भवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चेवाड़ा में भर्ती कराया गया. जहां उसे आधे घंटे में ही गंभीर अवस्था को देखकर गर्भवती को रेफर कर दिया गया. गंभीर अवस्था में उक्त महिला को शेखपुरा के सदर अस्पताल में लाया गया. वहां भी चिकित्सक के द्वारा बेहतर इलाज के लिए पावापुरी रेफर कर दिया गया. हलाकि इस दौरान उक्त गर्भवती को स्थानीय हॉस्पिटल में भारती कराया गया. यहां प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
सदर अस्पताल के कर्मी ने गर्भवती को भेजा निजी अस्पताल
मृतिका के भाई सुमन कुमार, राकेश कुमार व मां सीता कुमारी ने आरोप लगाया की इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और कर्मी प्रवीण कुमार के द्वारा पावापुरी मेडिकल कॉलेज के बजाय उसे सदर अस्पताल गेट नंबर 2 के पास एक हॉस्पिटल में जाने को प्रेरित किया. इस दौरान मरीज की स्थिति को गंभीर देखकर पीड़ित परिवार उसे सदर अस्पताल के कर्मी प्रवीन के कहने पर प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कृष्ण मुरारी प्रसाद ही उक्त प्राईवेट अस्पताल में मौजूद दिखे. उक्त डॉक्टर ने ही गर्भवती का सिजेरियन प्रसव कराया और महिला ने पुत्र को जन्म दिया. सिजेरियन के कुछ देर बाद ही उक्त महिला की स्थिति गंभीर होने लगी. अगले दिन 11 अक्टूबर के सुबह 3:00 बजे महिला की स्थिति वहां भी गंभीर देखी गई और उसे रेफर कर दिया गया.
अस्पताल से डॉक्टर और कर्मी फरारघंटों चला मैनेज का हाइवोल्टेज ड्रामा
शनिवार को इस घटना में सदर अस्पताल के डॉक्टर की गर्दन फंसते देख स्वास्थ्य में महकमा से जुड़े कई लोग हरकत में आए और परिजनों पर मैनेज करने का दबाव बनाया. घंटों चले इस मैनेज के खेल में आखिरकार इस हमेशा की तरह शनिवार को भी अपनी बहू-बेटी की मौत के बाद न्याय पाने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे परिजनों को सुलह करने के लिए मजबूर कर दिया गया. इस मामले को लेकर सिविल सर्जन संजय कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के चिकित्सक के द्वारा निजी हॉस्पिटल में इलाज करने और प्रसूता की मौत के साथ-साथ अस्पताल के कर्मी प्रवीण कुमार की भूमिका निभाने के मामलों की गंभीरता से जांच कराने की बात कही. जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई भी किया जायेगा.
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