प्रखंड क्षेत्र की सभी नदियों का जलस्तर बढने से परेशानी
प्रखंड क्षेत्र मे बहने वाली नदी कुंभरी,जिराईन,सोईवा सिंघवा,गोईठवा नदीयो का जलस्तर बढ़ गया है. जिराईन नदी के तटबंधों पर आपदा जेई व प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए हैं तटबंधों पर गोवैग की व्यवस्था की गई है.
अस्थावां. प्रखंड क्षेत्र मे बहने वाली नदी कुंभरी,जिराईन,सोईवा सिंघवा,गोईठवा नदीयो का जलस्तर बढ़ गया है. जिराईन नदी के तटबंधों पर आपदा जेई व प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए हैं तटबंधों पर गोवैग की व्यवस्था की गई है. जिराईन नदी की पानी से ओंदा नेरूत गोंगचक मे ज्यादा खतरा रहती है. तटबंध टूटने से ये सभी गावों के फसल डूब जाते है. नदी का जलस्तर बढने से किसानों की परेशानी बढने लगी है. मौसम भी प्रतिदिन बारिस होने से किसानों का मनोबल बढता जा रहा था. लेकिन जलस्तर बढने से फसलो का क्षति होने की संभावना रहती है. सीओ रविन्द्र कुमार चौपाल ने बताया कि नदी का तटबंधों पर नजर बनाए हुए हैं कही भी तटबंध टूटने की सूचना मिलते ही गोवैग से तटबंध की मरममती किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाढ की स्थिति में प्रभावित लोगो को खाद्य सुरक्षा व खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 32 राहत शिविर बनाए गए हैं. शिविर प्रभारी को अलर्ट मोड में रखा गया है. बाढ़ की स्थिति में अगर खाद्यान्न की कमी होता है तो इसके लिए 5 स्टोर भी बनाया गया है. अगर बाढ़ की स्थिति में खद्द्य सामग्री खत्म हो जाती है तो नजदीकी विद्यालय के एमडीएम से खाद्यान्न का उपयोग करना है जिसकी आपूर्ति बाद में विद्यालय को कर दी जाएगी. किसी भी परिस्थिति में कोई भूखा नहीं रहेगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित 6 क्षेत्रों में मवेशियों के रहने के लिए ऊंचे स्थान को चिन्हित किया गया है. ओंदा हाई स्कूल स्टेडियम,नेरूत में पंचायत कार्यालय के फार्म हाउस, अंदी में देशना मस्जिद के मैदान ,धरहरा में धरहरा मस्जिद मैदान ,पचेतान में मध्य विद्यालय के मैदान में एवम अमावा के अमावा गढ़ के मैदान में मवेशियों के रखने का व्यवस्था किया गया है. पशु चिकसक पशु के लिए चारा दवाई की व्यवस्था भी कराई जाएगी. किसी भी स्थिति मे बाढ आपदा से निपटने के लिए तीन ऊंचे जगह को चिन्हित किया गया है जहां मवेशियों के लिए चारा एवम खाद्यान को संग्रहण कर रखा गया है.
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