राजगीर. एक तरफ भीषण गर्मी और दूसरी तरफ पीएचईडी की मनमानी नागरिकों को परेशान कर दिया है. मनमाने समय से जलापूर्ति करने से राजगीर नगरवासी बहुत परेशान हैं. नगर के किसी भी वार्ड में दो या तीन बार प्रतिदिन जलापूर्ति नहीं होती है. 24 घंटे में एक बार नगर में जलापूर्ति की जाती है. वह भी अनियमित. कहीं सुबह तो कहीं दोपहर और कहीं शाम में जलापूर्ति की जाती है. अनियमित और मनमाने समय से जलापूर्ति होने से इस भीषण गर्मी में नागरिक पानी के लिए हलकान हो रहे हैं. मनमाने समय से जलापूर्ति से तंग आकर सामर्थ्यवान लोग जार का पानी खरीदकर अपनी और परिवार का प्यास बुझा रहे हैं. नगर परिषद के वार्ड चार की वार्ड पार्षद अनिता सिन्हा और पूर्व प्रखण्ड उप प्रमुख सुधीर कुमार पटेल कहते हैं कि जब से इस वार्ड के गांव नगर परिषद में शामिल हुआ है, तब से हर दिन अनियमित जलापूर्ति की जाती है. इस वार्ड के हसनपुर में जलमीनार है. बावजूद पंप चालक की मनमानी से नागरिक परेशान हैं. उसके द्वारा कभी भी सुबह में जलापूर्ति नहीं की जाती है. महिलाएं और बच्चे पानी के लिए बर्तन लेकर पानी आने का करते इंतजार वार्ड चार के सौरे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी के लिए बर्तन बाल्टा, जार, तसला, डिब्बा आदि लेकर सुबह से नल पर बैठकर पानी आने का इंतजार करते रहते हैं. लेकिन पानी की आपूर्ति कभी 10 बजे तो कभी 12 बजे और कभी कभी तो चार बजे या अन्य मनमाने समय से होती है. नागरिकों की माने तो दोपहर या दोपहर के बाद जलापूर्ति का कोई मायने नहीं रहता है. सुबह- शाम में खाना बनाने से लेकर अन्य घरेलू कार्य किये जाते हैं, तब पानी की जरूरत पड़ती है. वार्ड पार्षद और पूर्व उप प्रमुख कहते हैं कि सुबह में नियमित जलापूर्ति के लिए पीएचईडी के सहायक अभियंता और कनीय अभियंता से सैकड़ों बार अनुरोध किया गया है. लेकिन रिजल्ट शून्य से अधिक नहीं निकला है. यहां तक कि जलमीनार से पानी आपूर्ति करने वाला कर्मी भी किसी की नहीं सुनता है. नागरिकों के अनुसार पंप चालक निजी काम में व्यस्त रहता है. जब उसे फुर्सत होती है तब आकर जलापूर्ति करता है. उन्होंने कहा कि हर घर नल जल योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. विभागीय पदाधिकारियों और कर्मियों की मनमानी से यह ड्रीम प्रोजेक्ट अपने उद्देश्यों से भटक रहा है. यही हाल भूई, गोरौर और मेयार आदि पंचायतों की है. पटेल के अनुसार नगर परिषद के वार्ड चार, पांच, छह, 21, 26 आदि में मनमाने समय से जलापूर्ति होने से नागरिक परेशान हैं. यह विभागीय पदाधिकारियों और कर्मियों की मनमानी का शिकार हो गया है. वार्ड पार्षद अनिता सिन्हा ने पीएचईडी को चेतावनी दी है कि उनके वार्ड के सभी गांवों और टोलों में सुबह में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित नहीं की गयी तो लाचार होकर उनके वार्ड के नागरिक नेशनल हाईवे-82 को किसी भी दिन जाम कर यातायात ठप कर सकते हैं. इसकी पूरी जिम्मेदारी पीएचईडी की होगी. मुखिया प्रतिनिधि सह पैक्स अध्यक्ष ने करायी बोरिंग मेयार पंचायत के महादलित मांझी टोला में पीएचईडी द्वारा लम्बे अर्से से जलापूर्ति नहीं हो रही है7 इसके कारण मेयार मुशहरी में पानी के लिए हाहाकार मचा है. गांव के बाहर और इधर- उधर से पानी लाकर उस टोले के लोग प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं. मेयार मुशहरी में जलापूर्ति कराने के लिए पीएचईडी के कनीय अभियंता को सैकड़ों बार कहा गया होगा. लेकिन उनके द्वारा कोई नोटिस नहीं लिया गया. बीडीओ, राजगीर से भी मेयार मुशहरी में जलसंकट की लिखित शिकायत की गयी. उनके द्वारा भी पीएचईडी के पदाधिकारियों को जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया गया. लेकिन नतीजा शून्य से अधिक कुछ नहीं निकला. अंत में शनिवार को थक हार कर मुखिया प्रतिनिधि एवं पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार द्वारा निजी खर्च से बोरिंग कराकर समरसेबल मोटर लगाया गया और मेयार मुसहरी में जलापूर्ति करायी गयी. पैक्स अध्यक्ष द्वारा ज्येष्ठ पूर्णिमा को उद्घाटन कर जलापूर्ति शुरू की गयी. जलापूर्ति शुरू होने के बाद मुशहरी टोला में हर लोग में काफी खुशी है. जलसंकट दूर करने के लिए मुखिया और उनके प्रतिनिधि को ग्रामीण दुआ दे रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है