मनमानी पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा
नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के मिशन चौक से लेकर बखरैली कुआं होते हुए पुरानी शहर के मछली मार्केट तक बनने वाली सड़क और नाली का कार्य पिछले दो वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका.
बरबीघा. नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के मिशन चौक से लेकर बखरैली कुआं होते हुए पुरानी शहर के मछली मार्केट तक बनने वाली सड़क और नाली का कार्य पिछले दो वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका. आखिरकार नगर परिषद बरबीघा के कार्यपालक पदाधिकारी ने ठेकेदार आनंद कुमार को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कार्यपालक अभियंता के पास अनुशंसा पत्र भेज दिया. शनिवार को इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि दो वर्ष पहले एक करोड़ 74 लाख ही लागत से बनने वाले सड़क और नाली के निर्माण के लिए टेंडर निकाली गई थी.टेंडर होने के बाद आज तक कार्य को पूर्ण नहीं किया जा सका है. ठेकेदार को इस संबंध में नगर परिषद बरबीघा कार्यालय से कई बार चेतावनी भरा पत्र जारी किया गया था.लेकिन पहुंच रखने वाले ठेकेदार ने पत्र को गंभीरता से ना लेते हुए मनमाने तरीके से निर्माण कार्य जारी रखा. आखिरकार कुछ दिन पहले जर्जर सड़क की तस्वीरों के साथ पीएमओ को मेल किया था. इसके बाद हरकत में आई नगर परिषद बरबीघा ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा कर डाली. कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों से रोज शिकायत भरा पत्र प्राप्त हो रहा था. आखिरकार ठेकेदार के खिलाफ कल कदम उठाते हुए उसे ब्लैक लिस्ट करने के लिए अनुशंसा कर दी गई.
निर्माण के दौरान ठेकेदार पर लगता रहा भ्रष्टाचार का आरोप
मिशन चौक से बखरैली कुआं होते हुए पुरानी शहर के मछली मार्केट तक बनने वाली सड़क और नाली के निर्माण के दौरान ठेकेदार के ऊपर कई बार भ्रष्टाचार का भी आरोप स्थानीय लोगों के द्वारा लगाया गया.घटिया निर्माण, खराब सामग्री का उपयोग सहित कई प्रकार का आरोप लगाकर स्थानीय लोगों ने काम को रुकवा दिया था.लोगों ने इस संबंध में कई बार नगर कार्यालय को सूचित किया. लेकिन, आज तक ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. नतीजतन विकास की आस जोहते-जोहते अब स्थानीय लोगों की आंखें पथरा गई.प्रत्येक दिन सड़क से गुजरती है सैकड़ों गाड़ियां
व्यापार के दृष्टिकोण से यह सड़क बरबीघा में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. बरबीघा के मुख्य बाजार गोलापर इसी रास्ते से होकर व्यापारिक गाड़ियां आती जाती है. यहां तक के आसपास के दर्जनों गांव के छोटे-मोटे व्यापारी साइकिल, मोटरसाइकिल और छोटी-छोटी गाड़ियों पर सामान लेकर इसी रास्ते से गुजरते हैं.बड़े-बड़े गड्ढो और फिसलन भरी रास्तों पर अक्सर व्यापारी सामान के सहित गिर जाते हैं.इस घटना में अब तक कई व्यापारी का हाथ भी टूट चुका है.सड़क के दोनों और के दुकानदार और स्थानीय निवासी भी नारकीय जीवन जीने को विवश है.सड़क तो दूर आज तक नाली का निर्माण भी पूरी तरीके से नहीं हो पाया है.मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बरसों पूर्व ही सड़क जर्जर हो गई थी.टेंडर होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि दिन बदलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
मामले ने पकड़ा तो नगर परिषद ने लिया एक्शन
इधर, नगर परिषद और जिला प्रशासन को शिकायत करके थक हार चुके स्थानीय लोगों ने आखिरकार कुछ दिन पहले जर्जर सड़क की तस्वीरों के साथ पीएमओ को मेल किया था. इसके बाद हरकत में आई नगर परिषद बरबीघा ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा कर डाली. स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले हर बार ठेकेदार को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण दिया जाता रहा.ऊंची पहुंच रखने वाले ठेकेदार के विरुद्ध स्थानीय लोगों ने कभी भी मुखर होकर बोलने का हिम्मत नहीं किया
क्या कहते हैं पदाधिकारी
वहीं, पूरे मामले को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा की गई है.मंगलवार को इस संबंध में सशक्त स्थाई कमेटी की आपात बैठक भी बुलाई गई है.बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार जल्द ही शेष बचे कार्यों को नगर परिषद पूरा करवाने का प्रयास करेगा.
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