21 दिनों में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का निबंधन नि:शुल्क
जिले में अब सांख्यिकी विभाग द्वारा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाते हैं. जन्म-मृत्यु के 21 दिन के भीतर प्रमाण पत्र बनाने के लिए कोई निबंधन शुल्क नहीं लगता है.
बिहारशरीफ. जिले में अब सांख्यिकी विभाग द्वारा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाते हैं. जन्म-मृत्यु के 21 दिन के भीतर प्रमाण पत्र बनाने के लिए कोई निबंधन शुल्क नहीं लगता है. 21 से 30 दिन तक जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए विलंब निबंधन शुल्क दो रुपये. 30 दिन से एक साल तक जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए विलंब निबंधन शुल्क पांच रुपये और एक साल से ऊपर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए विलंब निबंधन शुल्क दस रुपये लगता है. 30 दिन से एक वर्ष तक के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी और एक साल से ऊपर के जन्म-मृत्यु बनाने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अनुशंसा होना अनिवार्य है. उक्त बातें जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के समाहरणालय स्थित हरदेव भवन में शुक्रवार को जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण कार्य मेें सिविल रजिस्ट्रेशन (सीआरएस) से संबंधित एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण में कहीं गई. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी नवल किशोर रजक की अध्यक्षता में सभी प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, नगर निगम, नगर परिषद, स्वास्थ्य विभाग के जन्म-मृत्यु कार्य से संबंधित कर्मी व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण की शुरुआत में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने कहा कि आज व्यक्ति पहचान के लिए आधार कार्ड जरूरी एवं सरकारी दस्तावेज है और आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है, जो ऑनलाइन बना हुआ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 से ही ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्रक्रिया में लाया गया था, लेकिन वर्ष 2022 से राज्य सरकार की ओर से सांख्यिकी विभाग को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि सीआरएस पोर्टल पर शत-प्रतिशत जन्म -मृत्यु का पंजीकरण कराने पर बल दिया जा रहा है. इसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल, यूजर फ्रेंडली और प्रक्रिया में कम से कम मानव हस्तक्षेप वाला बनाया गया है. जन्म-मृत्यु प्रमाण ऑललाइन ही बनाये जायेंगे. आवेदन के छह दिन में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर देना होता है. इसके लिए सभी प्रखंडों के लिए कंप्यूटर डाटा इंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराया गया है, जिसमें चार प्रखंड के डाटा इंट्री ऑपरेटर नहीं ज्वाइन किये हैं, जहां कंप्यूटर सेट नहीं दिया गया है. प्रशिक्षक सह हिलसा प्रखंड के सांख्यिकी पदाधिकारी संजीव कुमार ने ट्रेनिंग के दौरान बताया कि हर प्रकार की जानकारी सीआरएस पोर्टल पर उपलब्ध है. जन्म से 21 दिन के अंदर आवेदन के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र के लिए माता-पिता का आधार कार्ड और संबंधित मुखिया-सरपंच या अन्य किसी भी जनप्रतिनिधि के अनुसंशा पत्र. 21 दिन से ऊपर के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आधार कार्ड, संबंधित जनप्रतिनिधि और प्रथम क्लास मजिस्टेट का एफिडेटिव देना होता है. प्रशिक्षक में प्रखंड के सांख्यिकी पदाधिकारी संजीव कुमार, सुभन कुमार, सुभाष कुमार, अशोक कुमार, बेन के डाटा इंट्री ऑपरेटर रवि राज कुमार, जितेंद्र कुमार, रिंकू कुमारी, धर्मेंद्र कुमार, सूरज कुमार, नीरज कुमार, सरिता कुमारी, सतीश कुमार सुमन, उमेश कुमार, बब्लु कुमार, बिपुल कुमार, सुरेंद्र कुमार समेत सभी प्रखंडस्तरीय डाटा इंट्री ऑपरेटर, नगर निगम, नगर परिषद, अस्पताल के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने से संबंधित कर्मी मौजूद थे. प्रशिक्षण के दौरान डाटा इंट्री ऑपरेटरों ने बतायी अपनी समस्याएं- जिले में सभी प्रखंडों में जन्म-मृत्यु व अन्य सांख्यिकी कार्य के लिए डाटा इंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराये गये हैं, जिन्हें बेल्ट्रॉन से चयन परीक्षा लेकर उर्मिला प्रा0 लि0 के माध्यम से ज्वाइनिंग लेटर दिया गया है. डाटा इंट्री ज्याइनिंग लेटर में न विभाग, न बेल्ट्रॉन और न उर्मिला के कर्मी होने की बात कहीं गयी है. इसको लेकर प्रशिक्षक संजीव कुमार से डाटा इंट्री ऑपरेटरों ने अपनी भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की. इस बात को लेकर 20 में से 16 चयनित डाटा इंट्री ऑपरेटर अब तक अपना योगदान दिये हैं. समस्या सुनने के बाद प्रशिक्षक सह हिलसा प्रखंड के सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि एक साल तक आपके कार्यों और जिम्मेवारियों के मूल्यांकन पर आगे की सेवा विभाग में तय होगी. इसके लिए मंत्रालय में चर्चा चल रही है. एक साल के कार्यकाल में आपके कार्यशैली और आपके वरीय अधिकारी के अनुशंसा पर आगे की सेवा विस्तार होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है