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नालंदा ज्ञानकुंभ में जुटेंगे देश के नामचीन स्कॉलर

ज्ञानभूमि नालंदा में पहली बार आयोजित तीन दिवसीय नालंदा ज्ञान कुंभ की सभी आवश्यक तैयारियां लगभग पूरी हो गयी है.

राजगीर.

ज्ञानभूमि नालंदा में पहली बार आयोजित तीन दिवसीय नालंदा ज्ञान कुंभ की सभी आवश्यक तैयारियां लगभग पूरी हो गयी है. बचे हुए कामों को अंतिम टच दिया जा रहा है. 16 से 18 नवंबर तक नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित इस नालंदा ज्ञानकुंभ में पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत के 13 राज्यों के अलावे देश के सभी प्रांतों से एक हजार से अधिक शिक्षाविद और 200 से अधिक शैक्षिक संस्थानों की सहभागिता है. देश के करीब सभी विश्वविद्यालयों के नामचीन हस्तियां, विद्वान, शोधकर्ता और छात्र शामिल होंगे. यह महज संयोग है कि राजगीर में एक साथ दो कुंभ का आयोजन आजू बाजू हो होगा. विमेंस एशियन हाॅकी कुंभ का आयोजन खेल परिसर में पहले से चल रहा है. अब इसके सटे परिसर नालंदा विश्वविद्यालय में ज्ञान कुंभ का भी आयोजन शनिवार से आरंभ हो रहा है. आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो के सी सिन्हा ने बताया कि नालंदा ज्ञानकुंभ का उद्घाटन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर 17 नवंबर को करेंगे. उद्घाटन समारोह में विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा, सिक्किम एवं मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, अध्यात्मिक गुरु स्वामी गोविन्द देव गिरी जी महाराज, डॉ अतुल कोठारी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉ प्रेम कुमार, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो अरविंद पनगढ़िया, भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ पंकज मित्तल, प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ वसंत शिंदे, अर्थशास्त्री प्रो वी के मल्होत्रा, प्रो आरसी सिन्हा, पद्मश्री चमुकृष्ण शास्त्री, प्रो आलोक चक्रवाल एवं अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि नालंदा ज्ञानकुंभ में विकसित भारत 2047 के सन्दर्भ में भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद का भी आयोजन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस ज्ञानकुंभ को तीन हिस्से में बांटा गया है. एक प्रतियोगिता, दूसरा प्रदर्शनी और तीसरा परिसंवाद है. प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को 51 हजार रुपये, स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र प्रदान किया जायेगा. इस ज्ञान कुंभ का समापन झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार द्वारा 18 नवम्बर को किया जायेगा. प्रो सिन्हा ने बताया कि शनिवार की शाम ज्ञान कुंभ के मौके पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार द्वारा किया जायेगा. नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने बताया कि इस ज्ञान कुंभ में विकसित भारत -2047 और भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थापित करने के लिए नीति निर्धारण की जायेगी. तीन दिवसीय इस ज्ञान कुंभ में करीब 84 अलग-अलग सत्र का आयोजन किया जायेगा, जिसमें 270 शोध पत्रों की प्रस्तुति होगी. शिक्षा के उत्थान के लिए, विकसित भारत – 2047 की नीति निर्धारण और भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने के लिए विद्वानों के द्वारा गहन चिंतन और मंथन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में आ रही समस्याओं, उसके समाधान और लक्ष्य को लेकर भी गहन चर्चा होगी. 16 नवंबर से आयोजित प्रदर्शनी के लिए 48 स्टाॅल बनाये गये हैं.

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