गलत जमाबंदी मामले में राजस्व कर्मचारी व लिपिक को किया निलंबित
नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने सार्वजनिक उपयोग की भूमि की बिना कागजात के जमाबंदी किये जाने के आरोप में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी सहित दो को निलंबित कर दिया है,
बिहारशरीफ. नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने सार्वजनिक उपयोग की भूमि की बिना कागजात के जमाबंदी किये जाने के आरोप में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी सहित दो को निलंबित कर दिया है,जबकि तत्कालीन अंचलाधिकारी उदय कुमार के खिलाफ पप्रत्र ‘क’ गठित करने का निर्देश भूमि सुधार उपसमाहर्ता ,बिहारशरीफ को दिया है. ताजा मामला सदर अंचल बिहारशरीफ का है. जहां तत्कालीन अंचलाधिकारी उदय कुमार के द्वारा सार्वजनिक उपयोग की भूमि की जमाबंदी बिना सक्षम कागजात एवं बिना आधार वाद के कायम कर दिया गया था. मामले का जिला पदाधिकारी के संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के द्वारा इसकी जांच की गई. जांच में मामला सत्य पाये जाने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा तत्कालीन अंचलाधिकारी उदय कुमार के विरुद्ध प्रपत्र “क ” गठित करने का निर्देश भूमि सुधार उपसमाहर्ता ,बिहारशरीफ को दिया गया है. इसी प्रकार नूरसराय अंचल के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी ,संप्रति -अंचल कार्यालय, सिलाव देश दीपक को भी इसी प्रकार के मामले में जिला पदाधिकारी के द्वारा निलंबित कर दिया गया है. अंचल कार्यालय राजगीर-संप्रति अनुमंडल कार्यालय हिलसा में कार्यरत तात्कालीन कार्यवाहक लिपिक धर्मवीर कुमार को भी जिला पदाधिकारी द्वारा ऐसे ही मामले में निलंबित करते हुए इन पर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है. जिला पदाधिकारी के द्वारा की गई इस कार्र्वाई से जिले के सभी अंचल कार्यालयों में अधिकारियों से लेकर राजस्व कर्मियों तथा लिपिकों में हड़कंप मच गया है. विशेष रूप से भू-माफियाओं तथा खरीदारों से नाजायज राशि लेकर सरकारी जमीन की भी गलत जमाबंदी कायम करने वाले अधिकारी तथा कर्मी दहशत में है. जिले में जैसे-जैसे जमीन की कीमत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे जमीन हड़पने तथा गलत जमाबंदी कराने वालों आदि की ऐसे ही अधिकारियों तथा कर्मियों के कारण चांदी हो गई है. भू माफियाओं द्वारा जिले के अन्य सरकारी जमीन भी निशाने पर है. यदि इसकी जांच की जाए तो विभिन्न अंचल कार्यालयों में ऐसे और भी मामले उजागर हो सकते हैं. सरकार तथा भूमि सुधार विभाग के द्वारा जिले में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए एक तरफ जहां भूमि का सर्वे कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारी तथा मुलाजिम ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं.
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