प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार योजना के लिए सौरव के नाम की होगी अनुशंसा

जिला बाल संरक्षण इकाई ने बहादुर सौरव को किया सम्मानित, 10 साल के सौरव ने तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की बचायी थी जान

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 10:56 PM
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जिला बाल संरक्षण इकाई ने बहादुर सौरव को किया सम्मानित,

10 साल के सौरव ने तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की बचायी थी जान

शेखपुरा.

जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में शनिवार को शेखोपुरसराय के किशनपुर गांव के बहादुर बालक सौरव कुमार को बुलाया कर उसे उसे पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया. उसके साहसपूर्ण एवं जोखिमपुर कार्यों के लिए सौरभ का नाम प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार योजना 2025 के लिए अनुशंसा किया जा रहा है. किशनपुर गांव के इस साहसी बालक सौरव ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए गांव के तालाब में पानी में डूबती हुई तीन बच्चियों को बचाकर बहादुरी का एक मिसाल पेश किया है. हालांकि, इस घटना में वह एक बच्ची का जान बचाने के असफल रहा. 10 वर्षीय सौरव के पिता मजदूर हैं. गरीब परिवार का यह बच्चा अपने भैंस को लेकर खेत में चराने गया था, तभी वह पास के तालाब में चार बच्चों को डूबते देखा और वह अपनी जान की परवाह किये बगैर गहरे पानी में घुसकर तीन बच्चियों को बचाने सफल रहा. चौथी बच्ची को पानी में डूब गयी थी. उसकी तलाशी को भी यह बालक गहरे पानी में फिर उतर कर छानबीन किया. लेकिन वह नहीं मिली. इसके बाद ग्रामीणों ने उसके शव को खोजकर निकाला. दस साल की उम्र में बच्चे तालाब में उतरकर तैरने की हिम्मत नहीं करते. लेकिन ग्रामीण परिवेश में पला यह बालक सौरभ अपने जान को जोखिम में डालकर तालाब में छलांग लगा दी और एक-एक कर तीन बच्चियों को उसका बाल पड़कर बाहर खींच ले आया, जबकि एक अन्य बच्ची को बचाने में वह असफल रहा. प्रभात खबर ने उसके इस वीरतापूर्ण कार्य को प्रमुखता से प्रकाशित कर पूरे राज्य के साथ -साथ देश का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है. बालक सौरव 10 -12 साल की उम्र का है और वह पढ़ाई से कटा हुआ है. लिहाजा उसके गांव किशनपुर के प्रधानाध्यापक को बालक को नियमित कक्षा में बुलाने के लिए कहा गया तथा बिहार शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे हैं दक्ष योजना के तहत उसे प्रतिदिन एक घंटे का एक्स्ट्रा ट्यूशन देने का भी अनुरोध किया गया है. जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने बालक के साहसपूर्ण कार्यों को देखते हुए उसके पठन-पाठन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्राचार किया है तथा बालक के संरक्षण हेतु वीरता पुरस्कार दिलाने हेतु बालक के वीरतापूर्ण कार्यों की पूरी घटना को कहानी के रूप में तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करवा रहे हैं.

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