केवीके में वैज्ञानिकों ने उन्नत खेती की दी जानकारी
हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में बीते 3 अक्टूबर से प्रशिक्षण शुरु है. केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सीमा कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण का विषय है ''''''''उच्च मुनाफा वाली सब्जी और फल की खेती. जो पांच दिवसीय है.
बिहारशरीफ. हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में बीते 3 अक्टूबर से प्रशिक्षण शुरु है. केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सीमा कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण का विषय है ””””””””””””””””उच्च मुनाफा वाली सब्जी और फल की खेती. जो पांच दिवसीय है. साथ ही यह विशेष रूप से 30 अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) के वर्ग के प्रशिक्षुओं के लिए है. जिसमे प्रायोगिक तरीके से प्रशिक्षुओं को बताया गया. वहीं उद्यान विभाग के वैज्ञानिक सह इस प्रशिक्षण के कोऑर्डिनेटर विभा रानी के बताया कि नर्सरी का जो विभिन्न बेड बनाया गया था. उसमें सोमवार को वर्मी कंपोस्ट डालकर गया और ब्रोकली, शिमला, स्ट्रॉबेरी आदि बीज का बुवाई किया गया. वहीं मृदा विज्ञानी डॉ यूएन उमेश ने मिट्टी का चुनाव पर जानकारी दिया. उद्यान विभाग के वैज्ञानिक एवं मृदा विज्ञानी ने बताया कि ब्रोकोली की खेती ठीक फूलगोभी की तरह होता है. नर्सरी तैयार करने का समय अक्टूम्बर का दूसरा पखवाडा होता है. इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी बहुत उपयुक्त है. बीज बोने के लगभग 4 से 5 सप्ताह में इसकी पौध खेत में रोपाई करने योग्य हो जाती हैं. यह ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मधुमेह, हड्डी की मजबूती, त्वचा की सूजन, आंखों के मोतियाबिंद, मस्कुलर डीजेनरेशन के खतरे को कम करती है. वहीं प्लांट पैथोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. आरती कुमारी ने बताया कि काला सड़न, तेला, तना सड़न, मृदु रोमिल रोग यह प्रमुख बीमारियाँ हैं. वैज्ञानिकों ने शिमला, स्ट्रॉबेरी आदि बीज के खेत की तैयारी, स्वास्थ्य लाभ, खास जानकारी , मिट्टी का चयन, विभिन्न प्रजातियाँ, जलवायु, संकर किस्म, लगाने का समय, तैयार के लिए बीज दर, नर्सरी तैयार करने की विधियां, रोपाई, खाद और उर्वरक, निराई-गुड़ाई व सिंचाई, खरपतवार निकालने की विधि, कीड़े व बीमारियाँ एवं इसके रोकथाम तथा कटाई व उपज पर चर्चा किया. वही आज यह प्रशिक्षण संपन्न होगा.
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