बिहारशरीफ. एनएच 30 ए का निर्माण तो विभाग द्वारा करोड़ों रूपये की लागत से करवा दिया गया. लेकिन गुणवत्ता व मेंनटेंस पर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं. ज्ञात हो कि करीब तीन वर्ष पहले दनियावां, हरनौत एवं बाढ़ के लोगों के लिए एनएच 30 ए निर्माण किया गया था जिसपर फर्राटे के साथ गाड़ियां दौड़ती है.यह फतुहां से दनियावां, नगरनौसा होते हुए हरनौत से बेलछी होते हुए बाढ़ तक जाने वाली एनएच 30 ए सड़क दो लेन की है जो तकरीबन 107 किलोमीटर लंबी है जिसे टू लेन बनाने में करीब 600 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 30 ए की सड़क शुरू में एक ही लेन की थी जिसे टू लेन में तब्दील करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी. इसमें तीन रेल ओवरब्रिज तथा तीन बाइपास रोड सहित दर्जनों पुल-पुलिया का निर्माण किया गया जिसमें स्थानीय प्रखंड के छतियाना गांव के पास बने पुल के पास पानी आने से मिट्टी का ढहना शुरू हो गया है. ग्रामीण राजीव रंजन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 ए में छतियाना गांव से आगे पंचाने नदी के शाखा पर आरसीसी स्ट्रक्चर का पुल बना है जिसका गुणवत्ता रहित होने से कभी भी हादसा हो सकता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नियमतः किसी भी पुल के अगल-बगल में बोल्डर पीचिंग होना जरुरी होता है. लेकिन इसमें कहीं भी बोल्डर पिचिंग का कार्य नहीं कराया गया है. वहीं, इस संबंध में बिहारशरीफ के राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि यह समस्या संज्ञान में है. वेदर कंडीशन के कारण डिले हो रहा है. एक से दो दिन में सही करवा दिया जाएगा.
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