Biharsharif News :तीन बच्चियों की जान बचाने वाले सौरव को किया सम्मानित
Biharsharif News : प्रखंड के किशनपुर गांव के तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की जान बचाने वाले दस बर्षीय बालक सौरव को सामाजिक कार्यकर्ता शबनम लता ने उसके घर पहुंचकर सम्मानित किया. सौरव ने अपनी जान की बाज़ी लगा कर तलाब में डूबती हुई चार छात्रा में से तीन को मौत के मुंह से वापस खींच लाया था.
Biharsharif News : शेखोपुरसराय. प्रखंड के किशनपुर गांव के तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की जान बचाने वाले दस बर्षीय बालक सौरव को सामाजिक कार्यकर्ता शबनम लता ने उसके घर पहुंचकर सम्मानित किया. सौरव ने अपनी जान की बाज़ी लगा कर तलाब में डूबती हुई चार छात्रा में से तीन को मौत के मुंह से वापस खींच लाया था. जबकि, एक बच्ची मधु कुमारी की मौत हो गई थीं. पटना एडीएम की पत्नी व एलआर फाऊंडेशन के निदेशक शबनम लता ने इस साहसी बालक की खबर पढ़कर किशनपुर गांव पहुंची. उन्होंने सौरव के माता पिता के साथ साहसी बालक सौरभ से मिलकर उसकी वीरता और साहस की भूरी- भूरी प्रशंसा की और सम्मानित किया. इसके साथ ही इस घटना में मृत बालिका के परिवार से मिलकर गहरी संवेदना प्रकट किया.
Biharsharif News : वीरता का रचा इतिहास
इस मौक़े पर शबनम लता ने कहा की सौरव ने जिस बहादुरी का परिचय दिया है. वह काबिले तारीफ़ है. जिस उम्र में बच्चे के दिमाग में डर होता है उस उम्र में सौरव ने डर को डरा कर अपनी वीरता का इतिहास रच दिया. जिसे आज़ पुरा देश जान रहा है.मैंने अपनी जिदंगी में साहसी बालक की सिर्फ़ कहानी पढ़ी थीं आज़ वास्तविक रूप उस कहानी को चरितार्थ होते हुए देख भी लिया.उन्होंने बताया की मैं पटना में हीं निर्णय कर ली थी की वीर पूत्र से मिलकर गांव वासियों को उसके नाम से एक निः शुल्क कोचिंग संस्थान का शुभारम्भ करूंगी. ताकी द लिटिल हीरो सौरभ कोचिंग संस्थान में किशनपुर के नैनिहालों को शिक्षा मिल सके और इसकी बहादुरी हमेशा प्रकाशमान बना रहे. जिसके बाद निदेशक शबनम लता ने सौरभ को सम्मानित किया. और सौरभ को तैराकी की विशेष ट्रेनिंग दिलाने की बात कही है.
सौरव का परिवार अभी भी झोपड़ी में रहने को मजबूर
इस मौक़े पर वेलाव पंचायत पुर्व मुखिया अनिल प्रसाद, जदयू प्रखंड अध्यक्ष जयप्रकाश प्रसाद, पिंटु मुखिया, और पैक्स अध्यक्ष संजय कुमार आदि मौजूद रहे. सौरव के परिवार वालों की स्थिति दयनीय सौरव के पिता पिंटू राउत, माता रेखा देवी ने बताया की घर के कूल पांच सदस्यों का जीवकोपार्जन सिर्फ़ मजदुरी कर के चलाया रहा है. पिछले पैंतीस वर्षों से सपरिवार झोपड़ी में हीं रहने को मजबूर हैं. आज़ तक किसी स्थानीय जनप्रतिनिधी व प्रखंड के अधिकारी कभी ध्यान नहीं दिया. कुछ वर्ष पुर्व आवास के लिए पहल किया गया था. परंतु सारे दस्तावेज़ देने के बाद भी कुछ अता पता नहीं चल सका.घर की स्थिति को देख शबनम लता ने पूर्व मुखिया अनिल कुमार से कहा की वर्तमान में पदस्थापित मुखिया से जल्द संपर्क कर इन्हें आवास योजना दिलाने का प्रयास करें.
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