आधी रात में मलबा हटा रहा स्टोन कंपनी, प्रशासनिक निगरानी हटी
चेवाड़ा प्रखंड के चकंदरा में पिछले कई सालों से संचालित नटराज स्टोन कंपनी के द्वारा पत्थर उत्खनन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है.
शेखपुरा. चेवाड़ा प्रखंड के चकंदरा में पिछले कई सालों से संचालित नटराज स्टोन कंपनी के द्वारा पत्थर उत्खनन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है. शुक्रवार को लैंड स्लाइडिंग में तीन मजदूर घायल होने की घटना के बाद शेखपुरा के अनुमंडल अधिकारी एवं खनिज विकास पदाधिकारी ने डीएम को रिपोर्ट सौंपा है. रिपोर्ट में स्टोन कंपनी पर सुरक्षा मानको की पूरी तरह से अनदेखी करने की बिंदु को अंकित किया गया है. इधर, हादसे के बाद जहां पहाड़ी भूखंड से प्रशासनिक सुरक्षा को हटा लिया गया. वही, ग्रामीणों ने स्टोन कंपनी पर आधी रात को जेसीबी से घटनास्थल से मलवा हटाने का आरोप लगाया है. हालांकि, घटना के 36 घंटा बीत जाने के बाद भी घटनास्थल से 10 प्रतिशत भी मलबा नहीं हटाया जा सका. ग्रामीणों में आक्रोश शनिवार को स्टोन कंपनी के खिलाफ एक बार फिर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मौके पर मो. जमालुद्दीन, सुखन यादव, विनेश कुमार,रामस्वरूप चौहान सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्टोन कंपनी उत्खनन क्षेत्र में मजदूर और कर्मियों के सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रखते. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अगर मलबा हटाया गया तब वहां किसी अनहोनी के भी राज खुल सकते हैं.इसे दबाने की नियत से स्टोन कंपनी आधी रात को मलबा हटाने की कोशिश कर रही है. 36 घंटे बाद भी मलबा नहीं हटाने का काम नहीं हुआ शुरू, लेकिन, वर्तमान व्यवस्था पर ग्रामीणों ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इस बड़ी घटना में प्रशासनिक अधिकारी भी 36 घंटे तक मलबा हटवाने में नाकाम रही है. अभी भी इस मलबे के नीचे पोपलेन एवं यहां मलबा हटाने का काम शुरू भी नहीं किया जा सका. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शनिवार को तीसरी बार सिकंदरा पहाड़ी में लैंड स्लाइडिंग की घटना हुई है. हालांकि, लैंड स्लाइडिंग की घटना के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी की खबर नहीं है. लेकिन, इन तमाम घटनाक्रम से ग्रामीण काफी आहत है. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि शुक्रवार की सुबह 10:00 बजे चकंदरा पहाड़ी में लैंड स्लाइडिंग की दो-दो घटनाएं हुई. इन घटनाओं के बाद प्रशासनिक कार्रवाई से अलग स्टोन कंपनी ने शनिवार की सुबह ही पुनः स्टोन प्लांट को नियमित रूप से चालू कर दिया. पूर्व में भी हो चुकी है घटना बरारीडीह गांव के मो. जमालुद्दीन ने बताया कि करीब 1 साल पहले इसी स्टोन कंपनी के द्वारा पत्थर उत्खनन के लिए क्षमता से कई गुना अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल कर ब्लास्टिंग किया गया. इस ब्लास्टिंग में अगल-बगल के गांव में भूकंप की स्थिति उत्पन्न हो गई. कई घरों में दरारें भी उत्पन्न हो गई. वही एक पुराना घर का छत धराशाई होकर गिर गया. इस घटना में घर में बैठी एक बच्ची की मौत मलबा से दबाने के कारण हो गई. इस दौरान गरीब परिवार को ग्रामीणों के पहल से स्टोन कंपनी ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया. लेकिन बाद में वह मुकर गए. मुद्दा उठाने पर जेल भेजने की दी जाती है धमकी मो. जमालुद्दीन ने यह भी बताया कि स्टोन कंपनी के द्वारा खदान ही नहीं बल्कि आसपास के गांव में भी नरकीय हालात पैदा कर रहे हैं. जब-जब स्टोन कंपनी के मनमानी को लेकर ग्रामीण एकजुटता के साथ आवाज बुलंद करते हैं तब न्याय के बदले उन्हें जेल की हवा खानी पड़ती है.स्टोन कंपनी के द्वारा ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा कर उन्हें जेल भेज दिया जाता है. क्या कहते है कंपनी के अधिकारी कंपनी के अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि चकंदरा पहाड़ में काम कर रहे कात्यानी कंपनी को स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के तहत परेशान किया जाता है. आए दिन कंपनी के प्लांट पर हमला भी किया जा रहा है. इसी कारण से खाद्यान्न से मलबा हटाने का काम अब तक नहीं हो सका है.
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