पहली पाली के बाद नहीं आते शिक्षक, पानी जैसी रहती है एमडीएम की दाल और सब्जी

मध्य विद्यालय चांदी कि शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था बदहाल हो गई है. सफाई से लेकर शिक्षकों की मौजूदगी एवं मध्याह्न भोजन को अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 9:52 PM
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अरियरी.

मध्य विद्यालय चांदी कि शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था बदहाल हो गई है. सफाई से लेकर शिक्षकों की मौजूदगी एवं मध्याह्न भोजन को अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया. इस मौके पर अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां पहली पाली के बाद शिक्षक कक्षा में नहीं आते हैं. जिसके कारण पढ़ाई की व्यवस्था चरमरा गई है. पहली कक्षा के बाद बच्चे विद्यालय कैंपस में खेलकूद में मशगूल रहते हैं. विद्यालय कैंपस में गंदगी का भी अंबार है. इस दौरान अभिभावकों ने बताया कि पिछले तीन माह से विद्यालय में बिजली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण यहां भीषण गर्मी से बच्चे क्लास में परेशान रहते हैं. क्लास के अंदर भी बच्चों का सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं विद्यालय के सभी शिक्षक लापरवाह है. क्लास जाने के बजाय कार्यालय कक्ष में आपस में गपशप लगाने में मजबूर रहते हैं. विद्यालय में करीब 700 बच्चे नामांकित है. वहीं 300 बच्चे उपस्थित होते हैं. जबकि यहां बच्चों की शैक्षणिक व्यवस्था को नियमित रूप से संचालित करने के लिए विद्यालय में सात शिक्षक कार्यरत हैं. लेकिन, इसके बाद भी शैक्षणिक व्यवस्था बदल है. ग्रामीण चंदन कुमार, देवन महतो, राजन कुमार, दिनेश महतो सहित अन्य लोगों ने बताया कि यहां बदले हालात को देखने वाला कोई नहीं है. शिक्षा विभाग के अधिकारी भी यहां निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों का भविष्य भी बर्बाद हो रहा है.

स्कूली बच्चों ने भी निकाली भड़ास :

इस मौके पर आक्रोशित स्कूली बच्चों में आकांक्षा कुमारी, चांदनी कुमारी, अनुष्का कुमारी सहित अन्य ने बताया कि यहां विद्यालय में पहली पाली की पढ़ाई के बाद सभी बच्चे बैग लेकर अपना घर चले जाते हैं, क्योंकि दूसरी पाली में पढ़ाई नहीं होने के कारण बच्चे भी वहां रहना मुनासिब नहीं समझते हैं. विद्यालय परिसर के अंदर गंदगी और बिजली नहीं रहने के कारण भीषण गर्मी भी बदहाली का एक बड़ा कारण है.

क्या कहते हैं एचएम

विद्यालय में दूसरी पाली के दौरान स्कूली बच्चों की संख्या कम हो जाती है. हालांकि, इस स्थिति को लेकर कई बार अभिभावक से मिलकर पहल किया गया है. लेकिन फिलहाल इसका प्रभाव नहीं दिख रहा. विद्यालय में मध्याह़्न भोजन नियमित रूप से बनाया और खिलाया जा रहा है.

संजीव कुमार, एचएम, मध्य विद्यालय, चांदी

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