श्रम विभाग का धावा दल भवन निर्माण का कर रहा सर्वेक्षण
जिले में बनायेजा रहे मकानों दुकानों व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का श्रम विभाग का धावा दल सर्वेक्षण कार्य कर रहा है. श्रम विभाग वैसे निजी भवन या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से उसकी लागत मूल्य का एक प्रतिशत राशि लेबर शेष के रूप में वसूलेगा.
शेखपुरा.
जिले में बनायेजा रहे मकानों दुकानों व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का श्रम विभाग का धावा दल सर्वेक्षण कार्य कर रहा है. श्रम विभाग वैसे निजी भवन या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से उसकी लागत मूल्य का एक प्रतिशत राशि लेबर शेष के रूप में वसूलेगा. इसकी जानकारी देते हुए जिला के श्रम अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को उपकार अधिनियम 1996 के अंतर्गत किसी भी तरह के निर्माण लागत का एक प्रतिशत लेबर शेष के रूप में वसूलने का प्रावधान है. जिले में इसके लिए 5 करोड़ रुपए की राशि लक्ष्य निर्धारित की गयी है. इसमें एक करोड़ 78 लाख रुपए की राशि की वसूली की जा चुकी है. शेष राशि के लिए धावा डाल के माध्यम से सर्वेक्षण किया जा रहा है. निर्माण कार्य करने वालों के द्वारा लेबर शेष नहीं दिये जाने पर दोषी लोगों के खिलाफ उनके विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर करते हुए उनके लागत मूल्य का दुगना राशि का क्लेम दायर किया जायेगा.श्रमिक की स्वाभाविक मृत्यु के बाद 64 आश्रितों को मिला लाभ :
बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 24 -25 में श्रम अधीक्षक कार्यालय द्वारा 64 कामगार के स्वाभाविक मृत्यु पर 50-50 हजार रुपए की राशि दी जा चुकी है. जबकि, दुर्घटना में 4 मृतक के आश्रितों को एक-एक लाख की उनके आश्रित परिवार को दी जा चुकी है. वहीं 2 परिवार को सरकार के द्वारा राशि दो लाख रुपये किये जाने पर दो- दो लाख की राशि दी गयी है. बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत एक लाख रुपए की राशि प्रति कामगार आश्रित परिवार को दिया जाता है. जिसे अब दो लाख रुपये कर दिया गया है.23 मुक्त बाल श्रमिकों को मिली सहायता :
श्रम विभाग के धावा दल के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 23 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. इन सभी बाल श्रमिकों को तत्काल तीन-तीन हजार रुपए की सहायता राशि दी जा चुकी है. इसके साथ ही एक जोड़ी कपड़ा और एक महीने का राशन दिया गया है. इन बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 -25 हजार रुपये की राशि दी जाती है. जो कि उनके खाता में फिक्स डिपोजिट होता है. उसे वह बाल श्रमिक 18 साल की आयु पूरा होने पर निकाल सकते हैं.निबंधित मजदूरों के बच्चों को मिल रही सहायता :
श्रम विभाग के द्वारा बिहार शताब्दी स्कीम के अंतर्गत निबंधित मजदूरों के वैसे बच्चों को भी सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है. जिनके बच्चे इंटर या आगे पढ़ाई कर रहे हैं. श्रम अधीक्षक ने बताया कि इंटर में पढ़ाई करने वाले 186 छात्र-छात्राओं को ढाई-ढाई हजार और आटीआइ करने वालों को पांच छात्रों को पांच -पांच हजार की राशि और पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने वाले तीन छात्र को 10 -10 हजार रुपया की राशि दी जा चुकी है. यह राशि उन बच्चों को मिलती है जो गर्वमेंट संस्थान से पढ़ाई कर रहे हैं. श्रम अधीक्षक ने बताया की अबतक 28 हजार 620 लोगों को असंगठित निर्माण श्रमिकों को लेबर कार्ड उपलब्ध कराया जा चूका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है