राहगीरों के साथ धोखाधड़ी कर लूटने वाले अंतरराजीय लुटेरा गिरोह के तीन बदमाश गिरफ्तार

नगर थाना पुलिस ने राहगीरों के साथ धोखाधड़ी कर लूटने वाले अंतरराजीय लुटेरा गिरोह के तीन बदमाश को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 10:02 PM

बिहारशरीफ.

नगर थाना पुलिस ने राहगीरों के साथ धोखाधड़ी कर लूटने वाले अंतरराजीय लुटेरा गिरोह के तीन बदमाश को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सदर डीएसपी नुरुल हक ने बताया कि बीते 30 अप्रैल को अस्थावां थाना जिला के के जनपुर गांव निवासी युगल यादव के पुत्र अभिजीत कुमार को तीन बदमाशों ने बहला फुसला कर यह कहा कि चुनाव के कारण इस रास्ते पर कोई भी गाड़ी नहीं चल रही है. हम लोग भी उधर ही जा रहे हैं. चलना है तो बैठ जाओ. आगे जाकर नकटपुरा के समीप बैग में शराब या कोई आपत्तिजनक सामान देखने के बहाने बैग ले लिया और बैग में रखे 84 हजार रुपये और एटीएम निकाल लिया. इसके बाद डरा धमका कर एटीएम का पीन पूछ कर एटीएम से भी 40 हजार रुपए निकाल लिया. मामला दर्ज होने के बाद तकनीकी अनुसंधान के आधार पर वाहन मालिक का पहचान करते हुए इस कांड में शामिल दोनों अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार अपराधियों के ऊपर बिहार झारखंड के कई थानों में मामला दर्ज हैं. गिरफ्तार अपराधियों में वाहन मालिक पटना जिले के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के राघोपुर निवासी अमित कुमार, झारखंड के घरिंडा जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र के इसरी गांव निवासी अनिल कुमार और जहानाबाद थाना के अंटामोरे निवासी संतोष कुमार शामिल हैं. पुलिस ने इन लोगों के पास से घटना में प्रयुक्त हुंडई कार लूट के 50 हजार रुपये और चार मोबाइल को बरामद किया है. छापेमारी टीम में दारोगा गुलाम मुस्तफा, जितेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार शामिल थे.

हत्या का अभियुक्त दोषी करार :

शेखपुरा

. जिला जज पवन कुमार पांडेय ने जिले के बरबीघा नगर क्षेत्र के बुल्लाचक निवासी हीरा साव को ह्त्या के मामले में दोषी करार दिया है. इसके खिलाफ 2017 के एक मामले में बरबीघा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर नियसी महेंद्र महतो को ह्त्या और उसके पुत्र राजेश कुमार के ह्त्या के प्रयास का मामला का न्यायालय मे अंतिम विचारण समाप्त हुआ. जिला जज द्वारा उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया. जेल प्रसाशन को सजा की बिन्दु पर सुनवाई के लिए उसे 12 जुलाई को न्यायालय में पुनः प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. इस मामले की जानकारी देते हुए जिला लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि दोषी व्यक्ति मृतक से लगातार रंगदारी की मांग कर रहा था. रंगदारी नहीं देने पर वह 27 अक्टूबर 2017 को मृतक के घर पर आठ-दस लोगों के साथ चढ़ बैठा. मृतक और उसका पुत्र घर से जरूरी कार्य से बाहर गए हुए थे. लेकिन जब रास्ते में उन्हें घर चढ़ाई कर लूटपाट की सूचना मिली तब दोनों वाहन से घर लौट रहे थे. इसी बीच उसने अपने अपराधी साथियों के साथ मिलकर दोनों को लाठी-डंडा से मारपीट कर अधमरा कर दिया. वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. दोनों को मरा समक्ष कर सभी भाग गए. बाद में दोनों को इलाज के लिए आसपास के लोगो ने असत्पल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान कुछ दिनो बाद महेन्द्र महतो की मृत्यु हो गयी. इस संबंध में घायल उसके पुत्र राजेश कुमार के बयान के आधार पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस द्वारा अनुसंधान कार्य प्रारम्भ किया गया. शुरू में यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 307 के तहत दर्ज कराया गया था. लेकिन, मृत्यु के बाद पुलिस द्वारा इसमें धारा 302 जोड़ा गया. 2019 में न्यायालय द्वारा आरोप गठन के बाद अभियोजन ने मुस्तैदी से डाक्टर, पुलिस और घायल सहित पांच गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया. मामले के विचारण को समाप्त करते हुए न्यायालय के हीरा साव को ह्त्या का दोषी पाया.

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