राजगीर. शहर के आरआईसीसी में जिला प्रशासन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुधवार को की गयी. बैठक की अध्यक्षता डीएम शशांक शुभंकर ने की. बैठक में विकास को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. तीनों विभागों में आपसी समन्वय स्थापित कर विकास करने पर सहमति बनी है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पटना अंचल के पदाधिकारियों ने कहा कि मगध सम्राट जरासंध का एकमात्र अखाड़ा राजगीर में है. वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण स्थलों में एक है. यह अखाड़ा कुंती पुत्र भीम और मगध सम्राट जरासंध के मलयुद्ध का गवाह है. धर्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी अखाड़े में भगवान श्रीकृष्ण की मौजूदगी में जरासंध और भीम के बीच मल युद्ध हुआ था. इस दुर्लभ पुरावशेष को देखने के लिए देश – दुनिया के लोग बड़ी संख्या में राजगीर आते हैं. लेकिन वहां तक पर्यटक अपनी गाड़ी से नहीं जाते-आते हैं. वन विभाग द्वारा उनकी गाड़ी को सोन भंडार के पास ही रोक दी जाती है, जिसके कारण पर्यटकों को सुविधाओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने जरासंध अखाड़ा तक पर्यटकों को बिना रोक-टोक के आने -जाने की आवश्यकता बताया. डीएम द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा लगाये गये इस रोक को अविलंब हटाने का आदेश दिया गया है. उनके द्वारा वन विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया. वन विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों ने कहा कि डीएफओ की स्वीकृति लेकर पर्यटकों के लिए यह मार्ग खोल दिया जायेगा. बैठक में डीएम के अलावे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ सुजीत नयन, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, सहायक समाहर्ता सह कार्यपालक पदाधिकारी तुषार कुमार, डीएसपी सुनील कुमार सिंह, पुरातत्व विभाग के सर्किल इंचार्ज अमृत झा, रेंज ऑफिसर ऋषिकेश कुमार एवं अन्य पदाधिकारी शामिल हुये.
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