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ऐतिहासिक होगा पारंपरिक मकर मेला का आयोजन

आस्था, विश्वास और परंपरा की आदि भूमि राजगीर में मकर मेला आध्यात्मिकता और नवीनता का अनूठा संगम होता है. 14 जनवरी से 21 जनवरी तक लगने वाले इस पारंपरिक राजकीय मकर मेला के सफल आयोजन को लेकर डीएम शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में शनिवार को जिला स्तरीय बैठक हुई है.

राजगीऱ आस्था, विश्वास और परंपरा की आदि भूमि राजगीर में मकर मेला आध्यात्मिकता और नवीनता का अनूठा संगम होता है. 14 जनवरी से 21 जनवरी तक लगने वाले इस पारंपरिक राजकीय मकर मेला के सफल आयोजन को लेकर डीएम शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में शनिवार को जिला स्तरीय बैठक हुई है. शहर के आरआईसीसी में आयोजित इस बैठक में जिला और अनुमंडल के सभी वरीय पदाधिकारी शामिल हुए हैं. डीएम ने कहा कि राजगीर के इस पारंपरिक मकर मेला को राज्य सरकार द्वारा राजकीय मेल घोषित किया गया है. मेले की तैयारी आरंभ कर दी गई है. विगत वर्षों की तुलना में इस बार का मकर मेला ज्यादा उम्दा होगा. मेला को यादगार और ऐतिहासिक बनाने के लिए पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप गई है. सबों को निर्धारित समय सीमा के तहत दायित्व पूरा करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने बताया कि दक्षिण बिहार खासकर मगध का यह पौराणिक और पारंपरिक मेला है. इस मेल में मगध के प्रयाय: सभी जिलों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में राजगीर आते हैं. यहां के गर्म जल के झरनों- कुंडों में स्नान – दान के बाद पारंपरिक भोजन का आनंद लेते हैं. श्रद्धालुओं द्वारा राजगीर के ऐतिहासिक विरासतों का भ्रमण तथा पहाड़ों की ट्रैकिंग का आनंद लिया जाता है. इस मौके पर जिला प्रशासन द्वारा अनेको कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले की तरह यहां कृषि प्रदर्शनी, दुधारू पशु प्रदर्शनी, कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी, सरकारी विकास योजनाओं की प्रदर्शनी, दंगल आदि के अलावे दही खाओ प्रतियोगिता, रंगोंली, क्विज, पतंग उत्सव, मेंहदी, चम्मच रेस, एथेलेटिक्स, भवन सजावट, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, म्युजिकल चेयर, मटका रेस, फूड स्टाल आदि का आयोजन किया जाना है. मेला के दौरान बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. डीएम ने बताया कि सभी आयोजनों को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय कमेटियों का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र के साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर परिषद को सौंप गई है. मकर मेला के दौरान प्रत्येक शाम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चुनिंदा कलाकारों द्वारा रंगारंग संस्कृति कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया जाएगा. मेला क्षेत्र में पेयजल और अस्थायी शौचालय सुनिश्चित करने का दायित्व पीएचईडी को दिया गया है. सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस को सौंप गई है. उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा एवं श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं की मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी. संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मेला में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुरक्षा एवं अन्य सुविधा हर हाल में समय रहते सुनिश्चित की जाय. इस बैठक में डीएम शशांक शुभंकर के अलावे डीडीसी श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, एडीएम मंजित कुमार, सहायक समाहर्ता सह बीडीओ- सीओ तुषार कुमार, ओएसडी गोपनीय केके उपाध्याय, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, डीसीएलआर उपेन्द्र सिंह, जिला खेल पदाधिकारी सुश्री शालिनी प्रकाश, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. डीएम द्वारा शहर के एफडीसी का भी मुआयना किया गया है.

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