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Biharsharif News : जिले की सभी नदियों के जलस्तर खतरे से नीचे

Biharsharif News : जिले की सभी नदियों के जलस्तर खतरे से नीचे आ गया है. जहां भी नदियों के पानी से तटबंध, डायर्वसन, सपंर्क पथ को नुकसान हुआ था, वहां प्रशासन मरम्मती में जुटा हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 4:08 AM

Biharsharif News : जिले की सभी नदियों के जलस्तर खतरे से नीचे आ गया है. जहां भी नदियों के पानी से तटबंध, डायर्वसन, सपंर्क पथ को नुकसान हुआ था, वहां प्रशासन मरम्मती में जुटा हुआ है. शनिवार की देर शाम से पैमार, पंचाने, गोइठवां, जिराइन, सोइयावा और कुम्भरी नदी के जलस्तर खतरे के निशांन से नीचे आ गया था. रविवार की सुबह होते-होते लगभग सभी नदियों के जलस्तर एक से तीन फुट तक नीचे खिसक गया. हालांकि इसके बावजूद बीते वर्ष 2019 में जो नदियों का जलस्तर था, वहीं स्थिति अभी नहीं देखने को मिल रही है.

वर्तमान में सिर्फ सकरी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. शेष सभी नदियों में पानी तेजी से घट रहा है. फिलहाल बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने में प्रशासन जुट गया है. साथ ही जहां-तहां नदियों के तटबंध टूटे हैं और संपर्क पथ को नुकसान हुआ हैं, वहां मरम्मत का काम चल रहा है. नदी में पानी आने से कहीं-कहीं नीचली क्षेत्रों में कुछ परिवार घर छोड़े थे, वह भी वापस अपने घर को लौट आये हैं.

नदी में पानी आने से धान की फसल को कहीं से विशेष नुकसान होने की सूचना नहीं मिली है. हालांकि परवलपुर, गिरियक, अस्थावां, बिंद, थरथरी, हरनौत व अन्य अंचलों के कहीं-कहीं नीचे क्षेत्र में लगे फसल में पानी घूसने की सूचना मिली थी, लेकिन बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार धान की फसल में कई दिनों तक पानी रहने से भी कोई विशेष नुकसान नहीं होता है. विभाग के अनुसार अभी नदियों में पानी आने की उम्मीद हैं.

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार पड़ोसी राज्य झारखंड के फल्गु नदी में पानी छोड़ने से यहां के नदियों में पानी आता है, जहां 26 अगस्त तक अलर्ट जारी किया गया था. आगे झारखंड में बारिश होने की सूचना नहीं है. अचानक पानी आने से तटबंध व संपर्क पथ टूटा- शनिवार की सुबह अचानक नदियों में पानी आने से अस्थावां के अंदी गांव में जिलाइन नदी के तटबंध टूट गया था. थरथरी प्रखंड मुख्यालय के पास से गुजरने वाली मुहाने नदी में एकाएक जलस्तर बढ़ने से इस नदी पर बना डायवर्सन डूब गया था, जिससे हिलसा-नूरसराय सड़क का संपर्क पथ टूटने से यातायात प्रभावित हो गया था.

Biharsharif News : धान की फसल को पानी से कोई विशेष नुकसान की सूचना नहीं है

मुहाने नदी में तेज पानी से डायवर्सन क्षतिग्रस्त होकर टूट गया. डायवर्सन से दो फुट पानी बनने लगा था. इसी प्रकार थरथरी प्रखंड के सलेमपुर, डीहा, अतवलचक, अस्था, रायपपुर कोयल बिगहा, नरारी, प्रतापपुर समेत आधा दर्जन गांवों का संपर्क पथ प्रभावित हुआ. फिलहाल दो दिनों करीब 600 से 650 मजदरों के मदद से रात-दिन कर तटबंध, डायर्वसन, संपर्क पथ, नदी कटाव क्षेत्रों में कामचलाऊ बना लिया गया है.

अब तक इस मरम्मत व बाढ़ राहत कार्यों में करीब 20 से 25 लाख रुपये खर्च हुए हैं. मुख्य नदियों के जलस्तर की स्थिति नदी-वर्तमान पानी – खतरे का स्तर- (मीटर में) सकरी हेडक्वाटर- 80.45 मीटर – 81.70 मीटर पैमार राजगीर-65.55 मीटर- 68.96 मीटर पंचाने बिहारशरीफ साठोपुर-54.97 मीटर-55.25 मीटर गोइठवां बकरा-चोरसुआ-52.70 मीटर- 55.47 मीटर जिराइन अस्थावां हेडक्वाटर- 59.42 मीटर- 60.5 मीटर सोयवां अस्थावां-54.07 मीटर-56.84 मीटर कुम्भरी बेलदरियापुर, अस्थावां- 57.17 मीटर- 59.15 मीटर क्या कहते हैं अधिकारी- क्षेत्र के सभी नदियों में पानी खतरे के निशांन से नीचे हैं.

शनिवार की सुबह अचानक झारखंड के फल्गु में पानी छोड़ने से यहां के नदियों में जलस्तर एकाएक बढ़ने लगी थी, जिससे कहीं-कहीं तटबंध टूटने और खेतों में पानी घूसने की सूचना है. टूटे तटबंध को मरम्मत करा लिया गया है. धान की फसल को पानी से कोई विशेष नुकसान की सूचना नहीं है. वर्तमान में सभी नदियों का जलस्तर सामान्य है. सुशील कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं निकासी प्रमंडल, बिहारशरीफ बाढ़ से बचाव के लिए हमेशा अलर्ट मूड में रहें : डीएम बिहारशरीफ.

अस्थावां प्रखंड क्षेत्र अंदी गांव का फतहा खंधा बांध व कटाव मम्मती कार्य को लेकर रविवार की सुबह डीएम शशांक शुभंकर ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान स्थानीय अधिकारी और बाढ़ नियंत्रण विभाग को हमेशा अलर्ट मूड में रहने का निर्देश दिया. डीएम शशांक शुभंकर ने एसडीआरएफ वोट के माध्यम से जिराइनपर से नदी के रास्ते फतहा खंदा, बाहा नदी उतरवारी पीठ तक बांध का स्थलीय निरीक्षण किया.

उन्होंने बाढ़ नियंत्रण विभाग को कई निर्देश भी दिये. उन्होंने कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ आपदा से बचाव के लिए जहां तहां बांध कटाव की मरम्मती यथाशीघ्र सुनिश्चित करें, बालू भरे बोरा का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में तैयार रखें, रात्रि प्रहर में भी बांध की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए हमेशा अलर्ट मूड में रहे. इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, स्थानीय मुखिया पुलिस पदाधिकारी सहित स्थानीय ग्रामीण गण आदि उपस्थित थे.

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