बिहारशरीफ. सदर अस्पताल में शव वाहन नहीं मिलने से मृतक के परिजन के द्वारा ठेला पर शव को ले जाने को मजबूर हो गये. दरअसल शनिवार को नालंदा जिले के सिलाव थाना क्षेत्र इलाके में धर्मेंद्र कुमार और बिहार थाना क्षेत्र के अंबेर मोहल्ले में राइस मिल में बिजली के काम करने के दौरान करंट से संजू साव की मौत हो गई थी. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया था. जहां अस्पताल में मौजूद शव वाहन से धर्मेंद्र कुमार के शव को सिलाव भेज दिया गया. वहीं संजू साव के शव को बिहारशरीफ अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद ठेले पर ही अंबेर मोहल्ले तक ले जाया गया. परिजनों ने बताया कि शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की गई थी. लेकिन परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया जिसके बाद परिजन ठेले पर ही शव को ले जाना मुनासिब समझा. वहीं ड्यूटी पर तैनात सरकारी चिकित्सक ने बताया कि सदर अस्पताल में शव वाहन की कमी है. परिजनों को शव ले जाने के लिए इंतजार करने को कहा गया था. लेकिन परिजन शव को ठेले पर ले गए. आपको बता दें कि इसके पूर्व भी बिहार शरीफ सदर अस्पताल से इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. अभी 3 सितंबर को ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई में शव को गोद में लेकर ढोने का मामला सामने आ चुका है.
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