Bihar: भागलपुर से तीन घंटे में पहुंच सकेंगे नेपाल, बिहपुर-वीरपुर NH 106 से गंगा-कोसी इलाकों को होगा फायदा
बिहपुर-वीरपुर NH 106 बनने से कोसी क्षेत्र की दूरी काफी घट जायेगी. भागलपुर के लोग तीन घंटे में नेपाल पहुंच जायेंगे. वहीं बिहपुर में किसानों को इससे काफी फायदा पहुंचेगा. जानिए क्या है इस सड़क का फायदा..
Bihar News: बिहपुर व नवगछिया के आसपास के इलाके के लिए बहुप्रतिक्षित बिहपुर-वीरपुर एनएच 106, यहां के लोगों के लिए सपनों की सड़क है. इस सड़क के बनने से कोसी क्षेत्र की दूरी काफी घट जायेगी. भागलपुर के लोग तीन घंटे में नेपाल पहुंच जायेंगे. निःसंदेह बिहपुर इस सड़क का ऐसा पड़ाव होगा, जो प्रत्येक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण होगा. बिहपुर में व्यवसायिक गतिविधियों में काफी तेजी आयेगी और बिहपुर समेत खरीक के कई उपेक्षित इलाके विकास की मुख्यधारा से जुड़ जायेंगे.
किसानों को कैसे मिलेगी राहत, समझिए
कोसी दियारा की हजारों एकड़ जमीन पर खरीक और बिहपुर के किसान आसानी से अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाते हैं. किसी तरह पहुंच अच्छी खेती कर भी लेते हैं, तो उपज को औने पौने भाव में खेत में ही बेचना पड़ता है. आज तक यहां के किसान गेंहू के भूसे और मकई के डंठल को बेच नहीं पाये. आवागमन का साधन नहीं रहने से किसान पशु चारे के उपयोग में आने वाले भूसे और मकई के लारे को वहीं छोड़ देते हैं. आवागमन का मार्ग सुलभ होने के बाद किसान फसल अपने घर तक या बाजार तक आसानी से ले जा सकेंगे और बाजार मूल्य पर बेच सकेंगे. भूसे, लारा तक भी बाजार मिलेगा और सबसे बड़ी बात कि किसान आसानी से अपने खेतों तक पहुंचेंगे.
बढ़ेगा रोजगार, गंगा पार ही नहीं कोसी पार भी लोग जायेंगे
एनएच 106 तैयार होने के बाद इलाके में रोजगार के कई नये अवसर बनेंगे. विक्रमशिला सेतु बनने के बाद लोगों को अपने उत्पाद को अच्छे बाजार तक आसानी से पहुंचाने का एक मात्र विकल्प गंगा पार जाना था, लेकिन एनएच 106 से यहां के लोगों के लिए दूसरा विकल्प कोसी पार भी होगा. नये-नये उद्योग की संभावना बलवती होगी. इस सड़क से बड़े व्यवसायियों को फायदा तो मिलेगा ही, मंझोले और छोटे कारोबारी भी लाभान्वित होंगे. बिहपुर एनएच 106 नवगछिया अनुमंडल के जीवन स्तर को नेक्ट्स लेवल पर ले कर जायेगा.
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सड़क का इतिहास
पुराने गैजेट में इस सड़क का जिक्र है. बादशाह शेरशाह के समय में भी कोसी क्षेत्र के लोग मध्य बिहार की यात्रा इस सड़क से करते थे. हालांकि बीच में नदी जरूर थी, लेकिन यह रास्ता काफी सुगम था. इतिहास की जानकारी रखने वाले लोगों की माने तो देश में ग्रांड ट्रंक सड़क बनी, तो उसी समय इस सड़क का निर्माण कराया गया.
बादशाही सड़क
इस सड़क को भक्तिकाल में बादशाही भी कहा जाता है. कालांतर में कोसी की धाराओं ने इस सड़क के अस्तित्व को को समाप्त कर दिया. बिहपुर का त्रिमुहान एक समय इलाके का बड़ा व्यवसायिक केंद्र था. दो वर्ष पहले यहां से कुछ दूरी पर ही गुवारीडीह नाम की सभ्यता के अवशेष मिलना इस बात का प्रमाण है.मौजूदा समय में वीरपुर से उदाकिशुनगंज तक सड़क बन कर तैयार है, जबकि देर से ही सही, लेकिन इनदिनों बिहपुर-वीरपुर के मिसिंग लिंग का भी निर्माण कार्य प्रारंभ है.