बिहुला-विषहरी पूजा : भागलपुर में प्रतिमा विसर्जन का शोभायात्रा आज, प्रशासन अलर्ट

जिले में बिहुला-विषहरी पूजा के शोभायात्रा की तैयारी के क्रम में शनिवार को केंद्रीय पूजा समिति के सदस्य स्थलों का भ्रमण किया और स्थानीय पदाधिकारियों से विसर्जन शोभायात्रा की तैयारी पर चर्चा की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 8:10 AM

भागलपुर.शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित माता विषहरी व सती बिहुला की स्थापित प्रतिमा का विसर्जन शुक्रवार को किया जायेगा. शोभायात्रा मार्ग में मेला लगेगा. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. विसर्जन शोभा यात्रा का संचालन मनसा विषहरी महारानी केंद्रीय पूजा समिति करेगी.

शोभायात्रा के तैयारी को लेकर किया गया भ्रमण

शोभायात्रा की तैयारी के क्रम में ही शनिवार को केंद्रीय पूजा समिति के सदस्य स्थलों का भ्रमण किया और स्थानीय पदाधिकारियों से विसर्जन शोभायात्रा की तैयारी पर चर्चा की. शुक्रवार को दोपहर 12:15 बजे विसर्जन शोभायात्रा भागलपुर स्टेशन चौक से शुरू हो कर सूजागंज बाजार, खलीफाबाग चौक, कोतवाली चौक, नयाबाजार चौक, जोगसर दीपनगर, आदमपुर, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर होते हुए मुसहरी विसर्जन घाट पहुंचेगी. जहां पर प्रतिमा का विसर्जन बारी-बारी से किया जायेगा.

राम-रहीम मिलन समारोह हाेगा

केंद्रीय समिति अध्यक्ष भोला मंडल ने बताया कि शोभयात्रा से पहले स्टेशन चौक पर महाआरती होगी. सबसे आगे परबत्ती की प्रतिमा होगी. विसर्जन शोभायात्रा की निगरानी के लिए केंद्रीय समिति का स्टॉल स्टेशन चौक एवं मुसहरी घाट पर लगाया जायेगा. इससे पहले ततारपुर चौक पर प्रात 9:45 बजे से राम रहीम का मिलन होगा. विषहरी पूजा समिति के तत्वावधान में तातारपुर चौक पर राम-रहीम मिलन समारोह हाेगा. इसमें सेंट्रल मोहर्रम कमेटी, अंजुमन कमेटी के सभी सदस्य एवं काली पूजा महासमिति, दुर्गा पूजा महासमिति व शांति समिति के सदस्य शामिल होंगे.

धूमधाम से कलश शोभायात्रा निकाली गई

बता दें कि सती बिहुला पति को वापस लाने के लिए चंपा नदी से मंजूषा में सवार होकर मृत्यु लोक गयी थी. इसलिए मंजूषा विसर्जन की परंपरा है. परंपरा के अनुसार जिले के विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को बिहुला-विषहरी पूजन को लेकर मेला लगा. शहर के कई स्थानों पर कलश व मंजूषा स्थापित की गयी थी. इसका विसर्जन शहर के विभिन्न गंगा तटों पर की गयी. इससे पहले धूमधाम से कलश शोभायात्रा निकाल कर विभिन्न मार्गों से गंगा तट तक पहुंचे. विसर्जन मार्ग माता विषहरी व सती बिहुला की जयकारा से गूंजायमान रहा.

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