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PHOTO: नम आंखों के बीच पंचतत्व में विलीन हुए बिंदेश्वर पाठक, लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

बिंदेश्वर पाठक पंचतत्व में विलीन हो गये. लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर बुधवार को बिंदेश्वर पाठक का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदा किया.

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पटना. सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर 11 बजे लोधी रोड शमशान घाट लाया गया. इसके बाद करीब दोपहर 12 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र कुमार दिलीप पाठक ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदाई दी.

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उनकी अंतिम यात्रा में क्षेत्र के कई नेता भी शामिल रहे. बिहार के बक्सर संसदीय क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे समेत कई दलों के नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

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मंगलवार, 15 अगस्त के मौके पर वह सुलभ इंटनेशनल कार्यालय पर झंडारोहण के बाद अचानक गिर गए थे. बताया गया कि उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हुआ, जिसके बाद उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन की मदद से सांस देने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी और उनका निधन हो गया था.

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डॉ बिंदेश्वर पाठक के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्यों को याद किया.

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डॉ बिंदेश्वर पाठक को सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक के साथ टॉयलेट मैन के नाम से भी जाना जाता है. डॉ बिंदेश्वर पाठक ने न सिर्फ सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा को खत्म करने के लिए काम किया, बल्कि विधवा महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी. उनके सामाजिक कार्यों के उन्हें देश-विदेश में विभिन्न पुरस्कार मिल चुके हैं, जिसमें भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्मश्री भी शामिल है.

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