अगले साल जनवरी से पीजी विभाग और कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की भी बायोमेट्रिक हाजिरी बनेगी और उपस्थिति के आधार पर ही उन्हें विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जायेगी. उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और क्लास रूम में छात्रों की नियमित उपस्थिति बढ़ाने को लेकर विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों को भी अभी से इसकी तैयारी शुरू करने को कहा गया है. साथ ही छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए भी सुझाव दिया गया है. विवि में इसे लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. साथ ही छात्रों को भी बॉयोमेट्रिक से हाजरी बनाने की जानकारी दी गयी है. अब विवि इसपर अमल करने की तैयारी में जूट गया है.
अभी तक केवल शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था की गयी है. हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 15 अगस्त तक उस पर भी रोक लगी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की ओर से विश्वविद्यालय और कॉलेजों को शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए दिशा-निर्देश दिया गया है. पिछले महीने विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी इस पर चर्चा की गयी थी. कॉलेजों में नियमित कक्षाएं चले, इस पर कुलपतियों से सुझाव भी लिया गया.
सभी पीजी विभाग और कॉलेजों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और उनके द्वारा नियमित कक्षाएं लेना सुनिश्चित किया जायेगा. इसके लिए सतत निगरानी जरूरी है. शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि एक महीने के अंदर सभी कॉलेजों में शिक्षक-कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षक-कर्मचारियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर वेतन भुगतान किया जायेगा. वहीं, संबद्ध कॉलेजों को परफॉरमेंस ग्रांट देने का आधार भी इसे बनाया जायेगा.