बिहार विधान परिषद के लिए भाजपा और जदयू में बन गयी बात, जानिये क्या रहा सीट बंटवारे का फॉर्मूला
भाजपा और जदयू के बीच बिहार से बाहर किसी भी राज्य में कोई समझौता नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा कि पार्टी पूरी तरह अपनी नीतियों के साथ आगे बढ़ रही है.
पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए भाजपा और जदयू में समझौता तय हो गया है. भाजपा 13 और जदयू 12 सीटों के मान्य फाॅर्मूले पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. दोनों पार्टियों की आपसी समझ से बात आगे बढ़ी है. इस फाॅर्मूले पर केवल भाजपा हाइकमान की मुहर लगना बाकी है. इसकी जल्दी ही घोषणा कर दी जायेगी .इस मामले में भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और वित्त मंत्री ताराकिशोर प्रसाद से सार्थक और सकारात्मक बातचीत हो चुकी है.
दोनों बड़े दल करेंगे सहयोगियों से बात
वरिष्ठ जदयू नेता विजय चौधरी ने बातचीत में बताया कि जहां तक सहयोगी दलों को सीट बंटवारे की बात है, इसका निर्णय जदयू और भाजपा के सीट बंटवारे के बाद होगा. दरअसल जदयू का सहयोगी दल हम सेक्यूलर है, जबकि भाजपा के निकट सहयोगी के रूप में मुकेश सहनी की वीआइपी और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा पहले से निर्धारित हैं. श्री चौधरी ने बताया कि दोनों बड़े-बड़े दल अपने – अपने सहयोगियों को इसी फाॅर्मूले के आधार पर विश्वास में लेंगे. उन्होंने दो टूक कहा कि भाजपा और जदयू के बीच सीट विभाजन को लेकर कोई मतांतर नहीं रह गया है. दोनों आपसी समझ के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
बिहार से बाहर किसी भी राज्य में कोई समझौता नहीं
उत्तर प्रदेश के चुनाव के संदर्भ में दो वरिष्ठ जदयू नेताओं के बयानों के संदर्भ में पूछे गये एक सवाल के उत्तर में बताया कि इस मामले में कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं है. यह तो वस्तुस्थिति का वर्णन भर है. दरअसल यूपी में भाजपा से बात करने के लिए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अधिकृत थे. उन्होंने इस संबंध में पूरा प्रयास किया भी. भरसक प्रयास के बाद तालमेल में सफलता नहीं मिली, तो जदयू वहां अकेले चुनाव लड़ रहा है. जदयू पिछले विधानसभा चुनाव में वहां अकेले लड़ चुका है. यह तो पहले से साफ है कि भाजपा और जदयू के बीच बिहार से बाहर किसी भी राज्य में कोई समझौता नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा कि पार्टी पूरी तरह अपनी नीतियों के साथ आगे बढ़ रही है.
वीआइपी को चाहिए चार, रालोजपा और हम को दो-दो
पटना. विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एनडीए के सहयोगी दलों ने अपनी पसंद की सीटें मांग कर भाजपा और जदयू दोनों की परेशानी बढ़ा दी है. मुकेश सहनी की वीआइपी ने चार सीटें मांगी हैं. वहीं, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी दो सीटें मांग रही है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस अपनी पार्टी रालोजपा के लिए दो सीटें मांग रहे हैं.
सहयोगियों की मांग पूरी करने से बचेंगे केवल 16 सीटें
कुल मिला कर सहयोगी दलों की ख्वाहिश पूरी कर दी जाये, तो एनडीए के दो प्रमुख घटक जदयू ओर भाजपा के लिए मात्र 16 सीटें बच जाती हैं, जिनमें भाजपा की सीटिंग 13 और जदयू की सीटिंग नौ सीटें शामिल हैं. रालोजपा प्रमुख केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी पार्टी को कम से कम दो सीटें चाहिये. हाजीपुर की सीट पर उन्होंने अपना पारंपरिक अधिकार जताया. साथ ही दल के प्रमुख नेता पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के लिए भी एक सीट की मांग की है.