बिहार विधानसभा में बुधवार को भी सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रही. अपने विधायक लखेंद्र रौशन को निलंबित किए जाने का भाजपा ने विरोध किया और विधानसभा की कार्यवाही का बुधवार को बहिष्कार कर दिया. सदन के बाहर भाजपा विधायकों ने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. वहीं अपना विरोध जताते हुए बीजेपी विधायकों ने राजभवन मार्च भी किया. बीजेपी अपने विधायक का निलंबन वापस करने की मांग करती रही.
पातेपुर के विधायक लखेंद्र रौशन को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया है. सदन के अंदर उनके अभद्र आचरण को लेकर ये कार्रवाई की गयी थी.मंगलवार को भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन के द्वारा माइक्रोफोन तोड़ने की घटना ने तूल पकड़ा था और अध्यक्ष के द्वारा कार्रवाई की गयी थी.
विधायक का इस मामले में अपना तर्क है. उनका कहना है कि माइक्रोफोन ख़राब था और वह उसे ठीक कर रहे थे जिससे वह बाहर आ गया. वहीं निलंबन को लेकर भाजपा ने दलित कार्ड खेला और इस घटना को एक “दलित” के उत्पीड़न के रूप में पेश करने की कोशिश की.बुधवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया. पोर्टिको में नारेबाजी की गयी और राजभवन मार्च किया गया.
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वहीं सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष ने इच्छा जताई कि विपक्ष मंगलवार की घटना पर खेद प्रकट करके सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले. वहीं सदन में ससंदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने भी इच्छा जताई की विपक्ष के नहीं रहने पर सदन सूना लगता है. उन्हें यहां आना चाहिए. लेकिन विधायक के निलंबन के विरोध में भाजपा सदस्य विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए खड़े रहे.