माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा है कि बिहार की राजनीति में कई बदलाव हुए हैं. मुख्यमंत्री के इंडिया गठबंधन से जाने के बाद भी गठबंधन बिहार में काफी मजबूत है और इस मजबूती से भाजपा-जदयू चुनाव में बिखर जायेगा. भाजपा को हराना गठबंधन का मुख्य लक्ष्य है.
ललन चौधरी से सवाल-जवाब
सवाल : लोकसभा चुनाव में चार सीटों पर रहेगी दावेदारी, पार्टी के ही रहेंगे उम्मीदवार
जवाब : लोकसभा चुनाव में उजियारपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और महाराजगंज से हमारी उम्मीदवारी रहेगी. यहां पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से ही किसी एक को चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलेगा. इसको लेकर इन सभी लोक सभा से उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. 11 मार्च के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक में सीट बंटवारा होने के बाद एक साथ महागठबंधन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेगा.
सवाल : पिछले चुनाव से अगल कैसे रहेगा होगा विपक्ष के लिए चुनाव
जवाब : 2019 लोकसभा चुनाव से अगल रहेगा. विपक्षी गठबंधन काफी मजबूत है. इस चुनाव में सबसे बड़ा मुददा महंगाई, बेरोजगारी बनेगा. बिहार की जनता जदयू के बार-बार इधर-उधर करने से काफी परेशान है. वहीं, भाजपा और जदयू गठबंधन के आने के बाद गरीब, मजदूर और दलित पर उत्पीड़न बढ़े हैं. ऐसे में विपक्षी एकता को मजबूती मिल रही है. तीन मार्च की महागठबंधन की रैली के बाद से महागठबंधन के सभी कार्यकर्ता लोकसभा क्षेत्र में काम में जुट गये हैं.
सवाल : वोटर को बूथ तक लाने के लिए क्या व्यवस्था होगी
जवाब : हमारी पार्टी दलित-गरीबों, मजदूर – किसानों, महिलाओं, युवाओं और तमाम कामकाजी तबके की ही पार्टी है. विभिन्न मोर्चे पर कार्यरत जनांदोलन के नेताओं को ही हमारी तरफ से प्रत्याशी के बतौर चुनाव में उतारा जायेगा. वोटरों को बूथ तक पहुंचाने के लिए हमारे सभी 2144 ब्रांच काम में जुट गये हैं. यही ब्रांच पार्टी की रीढ़ है. इसके बदौलत हम चुनाव मैदान में उतरेंगे. जिन्होंने बूथ स्तर तक काम शुरू कर दिया है.
सवाल : चुनाव की घोषणा के बाद कैसे करेंगे चुनाव प्रचार
जवाब : चुनाव की घोषणा के बाद पार्टी के सभी संगठन के नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में रहेंगे और जहां इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार उतारा जायेगा वहां भी पार्टी के नेता प्रचार-प्रसार करेंगे. प्रचार के लिए राज्य में समुदाय स्तर पर जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी, लेकिन उन्हें ऐसा निर्देश दिया जायेगा कि महागठबंधन के साथ ही मैदान में जाये, ताकि लोगों को महागठबंधन की एकजुटता दिखे.