Bihar Politics: तेजस्वी को नौंवी फेल कहने पर भड़के BJP नेता, बोले- उनको जनता ने चुना हैं
Bihar Politics: प्रशांत किशोर द्वारा तेजस्वी यादव को बार-बार नौंवी फेल कहने पर मोदी कैबिनेट 2.0 में मंत्री रहे आरसीपी सिंह भड़क गए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बार-बार नौंवी फेल कहने पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैं. मोदी 2.0 में कैबिनेट मंत्री रहे सिंह के अचानक से तेजस्वी के बचाव में आना नई संभावनाओं को जन्म दे रहा है. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह मोदी मंत्रीमंडल में शामिल होने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नौकरशाह रहे हैं. एक दौर में नीतीश कुमार ने उन्हें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का अध्यक्ष भी बनाया था लेकिन आगे बीजेपी से नजदीकी के आरोप में पार्टी में किनारे लगा दिए गए थे. जिसके बाद आर सी पी सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे.
जनता ने तेजस्वी को चुना है- आर सी पी सिंह
प्रशांत किशोर द्वारा तेजस्वी को नौंवी फेल कहने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि कोई नेता, किसी भी दल का हो, चाहे प्रधानमंत्री की बात करते हों, मुख्यमंत्री की बात करते हैं, उनकी योग्यता पर आप क्या चैलेंज कर रहे हैं. जनता ने चुना है उस व्यक्ति को. जनता ने जब चुनकर भेजा है तो प्रधानमंत्री बने हैं. जनता ने तेजस्वी यादव को वोट दिया तो उप-मुख्यमंत्री बने. इस तरह की हल्की बात नहीं करनी चाहिए कि कोई नौवीं फेल है या कोई पोस्ट ग्रेजुएट है. आप जब पब्लिक लाइफ में हैं तो जनता आपसे क्या अपेक्षा करती है. राजनीति सेवानीति है. आप जनता की कितनी सेवा कर रहे हो वो महत्वपूर्ण है.
आप पीएचडी हो लेकिन जनता से कोई लगाव नहीं…
बीजेपी नेता ने कहा- “पता चला कि आप पीएचडी किए हैं, डॉक्टरेट हैं लेकिन जनता से कोई लगाव नहीं है। तो क्या कहेगा कि ये डॉक्टरेट हैं तो बड़े अच्छे राजनीतिज्ञ हैं या बड़े अच्छे लोकसेवक हैं। जनता के प्रति आपका समर्पण कितना है, ये पता चलता है चुनाव के समय। अगर जनता ने वोट दे दिया, वो एमपी, एमएलए बन गए तो वो आगे मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन गए तो आप उनकी शैक्षणिक योग्यता पर क्या सवाल उठा रहे हैं।”
नई संभावनाओं का खुल रहा द्वार
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे आरसीपी सिंह लोकसभा चुनाव के बाद से ही बिहार की राजनीति में हाशिए पर चले गए हैं. ऐसे में उनका तेजस्वी यादव के बचाव में इस तरह का बयान देना सूबे की राजनीति में हलचल पैदा करने वाला है. कभी नीतीश के करीबी रहे आईएएस अफसर उनकी मर्जी के बेगैर मोदी कैबिनेट 2.0 में शामिल हो गए. जिसके बाद से ही उनके और जनता दल यूनाईटेड के रिश्ते खराब होने लगे और अंत में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत न मिलने और केंद्र सरकार में जेडीयू के अहम साथी बनने के बाद से ही बीजेपी सिंह से दूरी बनाती हुई दिख रही हैं.